PM ने बर्थडे पर देश को समर्पित किया 'सरदार सरोवर बांध', पढ़िए मोदी के भाषण की खास बातें

Sunday, Sep 17, 2017 - 04:16 PM (IST)

दाभोई (वडोदरा, गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 67वें जन्मदिन की शुरुआत सुबह अपनी मां हीरा बेन का आशीर्वाद लेकर की। शनिवार देर रात यहां पहुंचे मोदी आज सुबह गांधीनगर के बाहर वृंदावन बंग्लोज स्थित अपने छोटे भाई के आवास पहुंचे और मां का आशीर्वाद लिया। हीरा बा (97) प्रधानमंत्री के छोटे भाई पंकज के साथ राजधानी के समीप रायसेन गांव में रहती हैं। मोदी ने सुबह मां के साथ करीब 20 मिनट का वक्त गुजारा। प्रधानमंत्री ने अपने भाई के घर से निकलने के बाद मोहल्ले के बच्चों के साथ बातचीत भी की। मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को हुआ था।

मां से मिलने के बाद मोदी ने नर्मदा नदी पर बनने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना सरदार सरोवर नर्मदा बांध का आज उद्धाटन करते हुए पिछले सात दशकों में इस परियोजना में आई तमाम बाधाओं का उल्लेख किया और उम्मीद जताई कि यह परियोजना नए भारत के निर्माण में सवा सौ करोड़ भारत वासियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी। सरदार सरोवर नर्मदा बांध को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद पीएम ने यहां एक रैली को संबोधित किया।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था शिलान्यास
5 अप्रैल 1961 में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस योजना का शिलान्यास किया था। पर्यावरणीय मंजूरी सबंधी मुद्दों के चलते इसका काम 1987 में शुरू हुआ पर नर्मदा बचाओ आंदोलन और अदालती आदेश के चलते 1994 से रोक दिया गया निर्माण काम बाद में सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश पर 2000 में शुरू किया गया था। इसकी ऊंचाई को बढ़ाने को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी ने अनशन भी किया था। सिंचाई, पेयजल और जल विद्युत उत्पादन की इस परियोजना से गुजरात के अलावा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान भी जुडे हैं।

ये हैं खासियत
कुल लगभग 163 मीटर की ऊंचाई वाला यह बांध हिमाचल के भाखरा (226 मी.) तथा उत्तर प्रदेश के लखवार (196 मी.) के बाद तीसरे नंबर का सबसे ऊंचा डैम है। यह कंक्रीट के आयतन के हिसाब से अमेरिका के ग्रांड कूले डैम के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डैम है। इससे गुजरात के 9663 गांवों को पीने का पानी मिलेगा। इसकी ओवर फ्लो क्षमता बढ़कर 138.68 मीटर हो गई जो पहले मात्र 121.92 मी थी। संग्रहण क्षमता भी 4.73 मिलियन एकड़ फीट हो गई जबकि यह पहले मात्र 1.27 मिलियन एकड़ फीट ही थी।

मोदी के संबोधन की खास बातें
-अगर सरदार वल्लभभाई पटेल और बाबासाहब भीमराव आंबेडकर कुछ और साल जीवित रहे होते तो देश विकास की नई ऊंचाइयों पर काफी पहले ही पहुंच गया होता।

-आंबेडकर ने मंत्री के तौर पर अपने थोड़े ही समय के काल में जल क्रांति के लिए जितनी योजनाएं बनाई थीं वह शायद ही किसी ने किया हो।

-विश्व बैंक सहित कई पक्षों ने सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न की। उन्होंने कहा कि उनके पास हर उस आदमी का कच्चा चिट्ठा है, जिसके कारण इस बांध परियोजना में विलंब हुआ।  

-एक समय ऐसा भी आया जब विश्व बैंक ने इस परियोजना के लिए ऋण देने से इंकार कर दिया।  

-सरदार पटेल ने एक दिव्य दृष्टि की तरह इस गुजरात क्षेत्र में सिंचाई और जल संकट को देखते हुए नर्मदा पर बांध की परिकल्पना की थी।

-नर्मदा बांध देश की ताकत का प्रतीक भी बनेगा।

-लोगों ने अपनी तरफ से धन दिया और नर्मदा माता के कारण मंदिरों ने भी इसके लिए दान दिया। उन्होंने कहा कि यह बांध भारत के लोगों के पसीने की कमाई से बना है।

-इस बांध परियोजना से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के करोड़ों किसानों का भाग्य बदलेगा।  

-सरदार सरोवर परियोजना के तहत भारत-पाक सीमा पर 700 किमी दूर बीएसएफ के कैंप तक 60 मंजिल तक पानी उठा कर पहुंचाया गया है।

-नर्मदा का पानी पारस है, जिस प्रकार पारस लोहे को स्पर्श कर सोना बना देता है उसी प्रकार इस बांध का पानी जिस सूखी जमीन पर जाएगा वह जमीन सोना उगलने लगेगी।  

-प्रधानमंत्री ने नर्मदा बांध के पास बनने वाली सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के पर्यटन को काफी मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान नर्मदा बांध के लिए अनशन भी किया था।

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