प्लास्टिक इस्तेमाल पर होगी 4 साल की कैद, 40 लाख शीलिंग जुर्माना

Wednesday, Aug 30, 2017 - 02:34 AM (IST)

नई दिल्ली: पूर्वी अफ्रीकी देश कीनिया ने देश में प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए दुनिया का सबसे कड़ा कानून लागू किया है। नए कानून के मुताबिक प्लास्टिक के लिफाफे का निर्माण करने, इस्तेमाल करने और इसका आयात करने पर 4 साल तक की कैद और 40 लाख कीनियन शीलिंग के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। कीनिया के पर्यावरण मंत्री वाक हुंगू ने कहा कि इस कानून के तहत सबसे पहले प्लास्टिक के बैग निर्माताओं और लिफाफों का कारोबार करने वालों पर सख्ती की जाएगी। 

हुंगू ने कहा कि उन्हें पता है कि लोगों को अपनी आदतें बदलने में समय लगेगा और यह समय सरकार द्वारा जनता को दिया भी जाएगा। कीनिया में हर साल 30 करोड़ प्लास्टिक के लिफाफों का इस्तेमाल होता है और इन लिफाफों को नष्ट करने में सदियों का समय लग जाता है। नए कानून को लागू करने के लिए देश की पर्यावरण प्रबंधक एजैंसी ने नागरिकों को ई-मेल भेज कर सूचना दी है। इस एजैंसी में काम करने वाले कर्मचारियों के पास प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने और उसका इस्तेमाल रोकने के अधिकार हैं। कीनिया में छुट्टी मनाने के लिए जाने वाले लोगों को भी अपने प्लास्टिक के बैग एयरपोर्ट पर छोडऩे होंगे। इससे पहले चीन, रवांडा, फ्रांस सहित कुल 40 देश प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। 

संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण एजैंसी के प्रमुख एरिक सोलेहम का कहना है कि यदि यह प्रतिबंध सफलतापूर्वक लागू होता है तो यह दुनिया में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। हालांकि इस कड़े कानून के बावजूद कुछ वस्तुओं के निर्माण के समय उन्हें पैक करने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस बीच कीनिया एसोसिएशन ऑफ मैन्युफैक्चरर्ज का कहना है कि नए कानून के लागू होने के बाद देश में हजारों लोगों का रोजगार चला जाएगा। एसोसिएशन आखिरी वक्त पर इस प्रतिबंध को लागू करने पर रोक लगाने को लेकर अपील दायर करने में भी नाकाम रही। 

पर्यावरण मंत्री वाक हुंगू का कहना है कि यह प्रतिबंध इंडस्ट्री के लिए एक मौके की तरह है। इंडस्ट्री को इस तरह के पैकिंग बैग बनाने की दिशा में काम करना चाहिए जिनसे पर्यावरण को नुक्सान न हो। इस नई इंडस्ट्री से भी हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद कीनिया की राजधानी नैरोबी में लोग गलियों में कतारें लगाकर प्लास्टिक के पुराने लिफाफे बेचते देखे गए। इस बीच स्थानीय निवासी मैरी मवोरिया का कहना है कि लोगों की आदतें बदलना इतना आसान नहीं हैं। मैं सब्जियां बेचने का काम करती हूं और मैं रोजाना 30 प्लास्टिक के लिफाफों का इस्तेमाल करती हूं लेकिन इस आदत को बदलने में समय लगेगा।

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