Mahalakshmi Vrat 2019: इस विधि से भरेगी खाली झोली और तिजोरी

Friday, Sep 20, 2019 - 07:46 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

आजकल चतुर्मास चल रहा है। सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में मग्न हैं। मान्यता है उनकी अर्द्धागिनी देवी लक्ष्मी भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से लेकर आश्विन कृष्ण अष्टमी तक धरती पर आती हैं। इस दौरान वह अपने भक्तों की खाली झोली और तिजोरी भरती है। किवंदती के अनुसार तो ये भी कहा जाता है की जन्मों-जन्मों की गरीबी इन 16 दिनों में मां को प्रसन्न कर दूर की जा सकती है। यदि आप भी इस मौके का लाभ उठाना चाहते हैं तो सप्तम श्राद्ध के दिन महालक्ष्मी व्रत है। दरिद्रता और रुपये-पैसे की तंगी से छुटकारा चाहते हैं तो ये काम करें-

इन वस्तुओं का दान करें- चुनरी, बिंदी, सिंदूर, रिब्बन, कंघा, शीशा, वस्त्र अथवा रुमाल, बिछिया, नाक की नथ, फल, मिठाई, मेवा, लौंग और इलायची।

मंदिर में आसन बिछाकर बैठ जाएं फिर श्रीसूक्त, कनकधारा स्त्रोत और महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें।

इस मंत्र का जाप करें- "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्षम्ये नमः"

चंद्रमा को जल से अर्घ्य दें।

आफिस में टेबल पर स्फटिक श्रीयंत्र, क्रिस्टल बॉल, स्फटिक कच्छप श्रीयंत्र, स्फटिक से बनी देव प्रतिमा, स्फटिक पिरामिड, आदि ईशान या उत्तर दिशा की ओर रखने से कार्य क्षमता बढ़ती है तथा व्यवसाय में चमत्कारी वृद्धि होती है।

व्यवसाय में वृद्धि एवं नजर दोष दूर करने के लिए ‘यू’ आकार में काले घोड़े की नाल व व्यापार वृद्धि यंत्र का फ्रेम बनवाकर व्यवसाय स्थल या आफिस में लगाएं। व्यवसाय में वृद्धि होगी तथा नजर व हवा का दोष दूर होगा।

अगर कोई वस्तु या व्यक्ति कहीं गिरवी है और आप उसे छुड़ा नहीं पा रहे हैं तो दक्षिण दिशा की ओर मुख करके 21 बार उस व्यक्ति या वस्तु का नाम प्रात:काल निद्रा टूटने के साथ ही लें, वापसी का योग तुरंत ही बनेगा।

कारोबार में नुक्सान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगड़ा हो रहा हो तो आप अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला लेकर जल प्रवाह कर दें।

Niyati Bhandari

Advertising