चुभन

Thursday, Aug 22, 2019 - 03:16 PM (IST)

दिल में एक चुभन सी है,
जो ज़ुबान पर नहीं आती !!

घुट घुट कर जी लिए हम,
हमें उफ़ करनी नहीं आती !!

मसरूफ़ हो गए इस गम की दुनिया में इस तरह,
की ख़ुशी की रोशनी भी नजर नहीं आती !!

इस गम को डुबाने पहुंचे मयखाने,
पर हमें वहाँ बैठने की जगह नज़र नहीं आती !!

कोई हमें जीने का तरीका बता दे,
हमें तो जिंदगी जीनी भी नहीं आती !!

बंध गए है इन रिश्तों से इस तरह,
की हमें ये डोर भी काटनी नहीं आती !!

(श्रुति) 
 

vasudha

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