असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया बड़ा ऐलान

Friday, Oct 01, 2021 - 03:09 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए PhD की अनिवार्यता को अस्‍थाई तौर पर खत्‍म कर दिया है। शिक्षामंत्री ने कहा कि असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पदों पर होने वाली भर्ती के लिए अब PhD अनिवार्य नहीं होगी। हालांकि, उनका कहना है कि इस वर्ष PhD अनिवार्यता की स्कीम पर कुछ समय के लिए रोक लगाई जा रही है लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया है। 

इससेपहले भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्‍टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए PhD अनिवार्य कर दी गई थी। शिक्षा मंत्रालय ने फिलहाल इस मानदंड को हटाने का फैसला लिया है ताकि खाली पड़े पदों को समय पर भरा जा सके। साथ ही संकाय/ प्रोफेसरों की संभावित कमी के चलते शिक्षा प्रभावित न हो। दरअसल, हमें उन उम्मीदवारों से बहुत सारे अनुरोध प्राप्त हो रहे थे जो पद के लिए आवेदन करना चाहते थे, लेकिन पीएचडी पूरा करने में असमर्थ थे। इसलिए इस बाध्यता को महज इसी साल के लिए खत्म किया गया है।

कौन होंगे भर्ती के पात्र
अब पीजी डिग्री वाले उम्मीदवार, जिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है, वह असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए पात्र होंगे। यूजीसी जल्द ही इस फैसले के संबंध में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को एक परिपत्र जारी करेगा। इससे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सभी खाली सीटों को जल्दी भरने में मदद मिलेगी।

बता दें कि, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए NET पास करना अनिवार्य हुआ करता था। साल 2018 में सरकार ने इस अनिवार्य किया था  असिस्‍टेंट प्रोफेसर की नौकरी पाने के लिए  NET के अलावा PhD आवश्यक होगी। इस योजना को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 2018 के नियमों के तहत लागू किया गया था। बता दें कि भर्ती के लिए NET क्‍वालिफाई होना अभी भी अनिवार्य रहेगा। 

rajesh kumar

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