उपचुनाव नतीजे: मंहगे-पेट्रोल डीजल ने बिगाड़ा BJP का गणित

Thursday, May 31, 2018 - 03:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने लोकसभा की चार और विधानसभा की 10 सीटों पर भाजपा का गणित बिगाड़ दिया है। इस वजह से सरकार को न केवल आलोचनाओं का सामने करना पड़ा रहा बल्कि इसका खामियाज चुनावी नतीजों में भी देखने को मिल रहा है। हाल ही में हुए उपचुनाव की तारिख का ऐलान 3 मई को हुआ। इस दौरान पेट्रोल की कीमत 74.63 रुपए और डीजल की कीमत 65.93 रुपए प्रति लीटर थी। लेकिन चुनाव मतदान से पहले पेट्रोल की कीमतों में करीब 4 और डीजल की कीमतों में 3.30 रुपए तक का इजाफा देखने को मिला। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के कारण आम आदमी की जेब ढीली हो रही थी और इसके कारण लोगों में गुस्सा था। 




उपचुनाव में भाजपा की करारी हार
उपचुनाव में भाजपा को अभी तक केवल महाराष्‍ट्र के पालघर की लोकसभा सीट और उत्‍तराखंड के थराली विधानसभा सीट पर ही जीत मिली जबकि यूपी की नूरपुर सीट पर हार गई है। वहीं बिहार के जोकीहाट सीट पर भाजपा की सहयोगी पार्टी जेडीयू को हार का सामना करना पड़ा है। अभी यूपी की कैराना लोकसभा, महाराष्‍ट्र की भंडारा-गोंदिया, नागालैंड की लोकसभा सीट और पश्चिम बंगाल की महेशतला सीट पर नतीजे बाकी है। हालांकि रूझानों से साफ है कि यहां भी भाजपा की हार तय है। वहीं कर्नाटक की राजराजेश्‍वरी सीट पर कांग्रेस उम्‍मीदवार मुनिरत्‍नम ने चुनाव जीता है।

कर्नाटक चुनाव के बाद लगातार बढ़ाए दाम
कर्नाटक चुनाव के दौरान 19 दिन तक पैट्रोल और डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुए पैट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए गए। तब से लगातार ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी का दौर जारी था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आ रही रिकॉर्ड वृद्धि को इसकी वजह बताया गया। 20 मई को पैट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। तेल कंपनियों की ओर से जारी प्राइस नोटिफिकेशन के अनुसार, दिल्ली में पैट्रोल 33 पैसे महंगा होकर 76.24 रुपए लीटर हो गया, जोकि टॉप लेवल था। जबकि डीजल भी अब तक के अपने इतिहास में सबसे महंगा होते हुए 67.57 रुपए के स्तर पर पहुंच गया था।


Anil dev

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