सरकार ने कोरोना मरीजों को एड्स वाली दवाई देने की इजाजत दी, रखना होगा इन बातों का ध्यान

Wednesday, Mar 18, 2020 - 02:26 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 147 केस सामने आए हैं और अब तक तीन की मौत हो चुकी है। इसी बीच सरकार ने कोरोना पीड़ितों को एड्स वाली दवाई देने की इजाजत दे दी है। दरअसल भारत में आए इटली के दो पर्यटक कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। इनमें से एक की उम्र 69 साल और उनकी पत्नी की उम्र 70 साल थी, उन्हें एचआईवी पीड़ितों वाली दवाई दी गई थी जिसके बाद वे ठीक हो गए। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कुछ गंभीर मामलों में एंटीवायरल ड्रग का इस्तेमाल करने के लिए कहा है, इनमें से कोरोना वायरस के वो मरीज होंगे जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है और जिनकी जान को ज्यादा खतरा है।

क्लीनिकल गाइडलाइन के मुताबिक, फिलहाल, कोरोना से संक्रमित मरीजों या संदिग्धों के लिए किसी खास तरह के इलाज का निर्देश नहीं दिया गया है और न ही किसी विशेष एंटी वायरल का सुझाव दिया गया है क्योंकि इस मामले में पर्याप्त रिसर्च नहीं है। क्लीनिकल गाइडलाइन के मुताबिककोरोना वायरस के बेहद गंभीर मामलों में मरीज की सहमति पर ही इस दवाई का इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि लोपिनैविर और रिटोनाविर दवा भी कई बार विषम परिस्थिति पैदा कर देती है जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल रोकना पड़ जाता है।

इस ड्रग का इस्तेमाल हाइपोक्सिया, हाइपोटेंशन, ऑर्गन डिस्फ्कंशन या फिर सबसे ज्यादा खतरे में पड़े मरीजों के मामले में किया जाता है। डायबिटीज, किडनी फेल होने, फेफड़ों की बीमारी, बेकार इम्यून सिस्टम या 60 से ऊपर उम्र वाले लोग, गंभीर खतरे वाले मरीजों के समूह में आते हैं। भारत सरकार कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कई कदम उठा रही है। लोगों को अवेयर करने के साथ ही भारत ने पूरी दुनिया से भी खुद को अलग कर लिया है। अफगानिस्तान, फिलीपींस, मलेशिया से आने वाले यात्रियों पर भी बैन लगा दिया है. इससे पहले सरकार ने यूरोपीय यूनियन, यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन, तुर्की और यूके से आने वाले यात्रियों की एंट्री पर बैन लगा दिया था।

Seema Sharma

Advertising