पाक में इमरान सरकार के खिलाफ उठ रही विरोध की चिंगारियां

Sunday, Mar 03, 2019 - 04:47 PM (IST)

इस्लामाबादः  भारतीय पायलट अभिनंदन को रिहा कर बेशक पाकिस्‍तान ने वैश्विक मंच पर यह जताने का प्रयास किया कि वह भारत के साथ तनाव कम करने की दिशा में कदम उठा रहा है और जंग नहीं शांति चाहता है।  लेकिन तस्वीर का दूसरा रुख कुछ और ही है जिससे पाक का प्रोपेगैंडा बेनकाब हो गया है। दरअसल इमरान सरकार के खिलाफ उसके अपने ही मुल्क में विरोध की चिंगारियां उठनी शुरू हो गई हैं। पाकिस्‍तान भले ही इस मसले पर खुद को 'शांति' का बड़ा पैरोकार बताए और आतंकवाद पर वैश्विक आलोचनाओं के बाद भी इमरान खान को 'शांति दूत' बताते हुए उनके लिए नोबेल शांति पुरस्‍कार तक की मांग करे, पर सच यह है कि इस मुद्दे पर वह खुद घिरा हुआ है ।

पायलट अभिनंदन की रिहाई को लेकर इमरान सरकार का उनके देश में विरोध हो रहा है और इसे 'जल्‍दबाजी' में लिया गया फैसला कहा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सरकार के विभिन्‍न स्‍तरों पर ही इसे लेकर अलग-अलग राय है और अंदर ही अदंर इमरान सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि इसने भारत को को उसकी 'मूल्‍यवान' चीज (पायलट अभिनंदन) बिना किसी 'मोल-तोल' के क्यों सौंप दिया। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक इंटरव्‍यू में कहा था कि पाकिस्‍तान ने भारतीय अधिकारी को स्‍वदेश भेजने का फैसला किसी दबाव के बगैर किया, लेकिन कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि इसके लिए अमेरिका और सऊदी अरब का पाकिस्‍तान पर जबरदस्‍त दबाव था। साथ ही भारत ने भी स्‍पष्‍ट कर दिया था कि अगर विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा कर वतन वापस नहीं भेजा जाता है तो इससे क्षेत्र में तनाव गंभीर स्‍तर तक बढ़ जाएंगे।

बहरहाल, यह कहना फिलहाल मुश्किल है कि भारतीय अधिकारी की वतन वापसी का अंतिम फैसला वास्‍तव में इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्‍तान सरकार ने लिया या फिर सेना ने। लेकिन सूत्रों कहना है कि पाकिस्‍तान नेतृत्‍व को भी इसका अंदाजा था कि देश में इससे विरोध के सुर उभर सकते हैं और इसलिए इस दिशा में दो कदम उठाए गए, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। भारतीय अधिकारी को रिहा करने के शुक्रवार (28 फरवरी) के पीएम इमरान खान के ऐलान से देश में उपजे असंतोष को दूर करने के लिए पाकिस्‍तान की ओर से जो कदम उठाए गए, उसकी वजह से ही 1 मार्च को विंग कमांडर अभिनंदन की वतन वापसी में देरी हुई।

सूत्रों का कहना है कि इस असंतोष को दूर करने के लिए ही उन्‍हें लाहौर से वाघा लाए जाने के दौरान एक वीडियो शूट किया गया, जिसमें भारतीय अधिकारी यह बताते नजर आ रहे हैं कि वह यहां कैसे पहुंचे। इस वीडियो को पाकिस्‍तान सरकार के ट्विटर हैंडल से शेयर भी किया गया था, जिसमें कई कट थे और इससे साफ था कि पाकिस्‍तान ने इसमें अपने एजेंडे के अनुरूप काट-छांट की। इसके अलावे उनकी रिहाई में देरी की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि भारतीय अधिकारी को लाहौर से वाघा लाए जाने के दौरान रास्‍ते में कहीं 'विरोध-प्रदर्शन' हो सकते हैं, जिसका पाकिस्‍तान की 'तनाव कम करने की दिशा में उठाए गए कदम' के तौर पर बनाई गई छवि पर प्रतिकूल असर पड़ सकता था।

Tanuja

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