कश्मीर में आतंकियों को बचाने की साजिश, मुठभेड़ों के दौरान होती रही भारी पत्थरबाजी

Monday, Apr 02, 2018 - 10:33 AM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर घाटी में रविवार का दिन सेना के लिए इस साल की सबसे बड़ी आतंक विरोधी कार्रवाई की तारीख बन गया। इन सबके बीच कश्मीर में एक बार फिर स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में खलल डालने की कोशिश की। सेना के ऑपरेशन के दौरान लोगों ने आतंकियों को भगाने की नापाक साजिश तो रची लेकिन सी.आर.पी.एफ., पुलिस के एस.ओ.जी. और राष्ट्रीय राइफल्स के संयुक्त ऑपरेशन ने इस साजिश को विफल कर दिया।


शनिवार देर रात खुफिया विभाग द्वारा सेना को दक्षिण कश्मीर में आतंकियों की बड़ी मौजूदगी की जानकारी मिली। इसके बाद अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम जिलों में गहन तलाशी अभियान की शुरुआत की गई। इसी बीच शोपियां में जैसे ही सेना का ऑपरेशन शुरू हुआ तुरंत इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। तडक़े शुरू हुई मुठभेड़ में सेना की कार्रवाई के बीच स्थानीय लोगों का जमावड़ा भी शुरू होगा। जैसे ही शोपियां में दो आतंकियों के मारे जाने की खबर बाहर आई, उग्र लोगों ने अन्य आतंकियों को मौके से भगाने के लिए सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के दौरान ही पथराव शुरू कर दिया। 

 

सीआरपीएफ ने किया भीड़ को नियंत्रित
ऑपरेशन में खलल पड़ते देख सीआरपीएफ  ने भीड़ को नियंत्रित करने का काम संभाला। इसके बाद कचडोरा और द्रागढ गांवों में सी.आर.पी.एफ . के कई और टीमें मौके पर पहुंचीं। सुरक्षा एजेंसियों को इसकी खबर मिली तो अनंतनाग, शोपियां और श्रीनगर के बाहरी इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को बैन कर दिया गया। इसके बाद पत्थरबाजी के बीच सेना ने 11 आतंकियों को मार गिराया। हालांकि इस बीच सीआरपीएफ  ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दोनों ही स्थानों पर 100 से ज्यादा आंसू गैस के गोले दागे और पैलेट गन का भी इस्तेमाल किया।

 

हिंसा के पीछे व्अट्सऐप कनेक्शन का शक 
शोपियां और अनंतनाग में हुई मुठभेड़ के बीच हिंसक प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बाद एजेंसियों ने इस बात का शक जताया है कि शोपियां और अनंतनाग में उपद्रवियों की भीड़ को कुछ वॉट्सऐप ग्रुप्स के जरिये इक_ा किया गया था। हालांकि अब तक पुलिस या किसी अन्य एजेंसी की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। 

पहले भी मुठभेड़ के दौरान हुए हैं हिंसक प्रदर्शन 
साल 2016 और 2017 में घाटी खासकर दक्षिण कश्मीर के जिलों में आतंकियों के खिलाफ  ऑपरेशंस के दौरान वॉट्सऐप ग्रुप्स के जरिये भीड़ को इक_ा करने की बात सामने आई थी। इस संबंध में सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी के करीब 250 ऐसे वॉट्सऐप ग्रुप्स को चिन्हित किया था जिनसे एनकाउंटर के समय भीड़ इक_ा करने का शक था। इसके बाद एजेंसियों द्वारा ऑपरेशन ऑल आउट के दौरान कई बार कश्मीर में मुठभेड़ स्थलों के आसपास इंटरनेट बैन कर कार्रवाई को पूरा किया गया था। रविवार को हुए ऑपरेशन में एक बार फिर भारी हिंसा की स्थिति देखने को मिली, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पहले शोपियां और अनंतनाग में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई और फिर तनाव बढ़ता देख कश्मीर भर में इंटरनेट बैन कर दिया गया। 

स्कूल-कॉलेज बंद, विश्वद्यिालयों की परीक्षाएं स्थगित
दक्षिण कश्मीर में मुठभेड़ों में 11 आतंकियों के मारे और तीन नागरिकों की मौत के बाद फैले तनाव के मद्देनजर प्रशासन ने सोमवार को घाटी में सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का फैसला लिया। 
आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक स्कूल-कॉलेज बंद करने का फैसला घाटी में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर लिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि हालात के मद्देनजर सभी स्कूल और कॉलेज एक दिन के लिए (सोमवार) बंद रहेंगे। इस बीच कश्मीर विश्वविद्यालय, इस्लामिक विश्वविद्यालय और सेंट्रल यूनीवर्सिटी ऑफ कश्मीर ने सोमवार को निर्धारित सभी परीक्षाओं और साक्षात्कारों को स्थगित कर दिया हैं। 
विश्वविद्यालयों के प्रवक्तों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि 2 अप्रैल को निर्धारित सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया हैं और स्थगित परीक्षाओ के लिए ताजा तारीखों को अलग से अधिसूचित किया जाएगा। 
 

Monika Jamwal

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