देशहित के लिए फैसलों पर लोगों की नाराजगी और गुस्सा झेलना पड़ता है: PM मोदी

Friday, Dec 20, 2019 - 03:10 PM (IST)

नेशनल डेस्कः नागरिकता संशोधन कानून पर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के लिए काम करने में काफी गुस्सा झेलना पड़ता है, लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ती है और इसके अलावा कई आरोपों से गुजरना पड़ता है। दिल्ली में ASSOCHAM के कार्यक्रम में अर्थव्यवस्था, GST और ईज ऑफ डूइंग की रैंकिंग को लेकर पीएम मोदी बोल रहे थे। ASSOCHAM के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आपकी 100 साल की यात्रा में खई उतार-चढ़ाव आएंगे। अनेक लोगों ने इसकी अगुवाई की होगी सभी अभिनंदन के पात्र हैं।

मोदी ने कहा कि 100 साल की यात्रा का मतलब है कि आपने भारत के आजादी आंदोलन और आजादी के बाद को देखा है. 2014 से पहले जब अर्थव्यवस्था तबाह हो रही थी, उसे संभालने वाले तमाशा देख रहे थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की साख कहां थी, ये सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तय नियमों से चले इसके लिए हमने व्यवस्था में परिवर्तन किया है। आज 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी के लिए मजबूत आधार बना है. जबतक पूरा देश मिलकर लक्ष्य को तय नहीं करता है, तबतक लक्ष्य पूरा नहीं होता, जब मैंने इस लक्ष्य को रखा तो पता था कि इसका विरोध होगा और कहा जाएगा कि भारत ये नहीं कर सकता।

एसोचैम में PM मोदी के संबोधन के प्रमुख

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा आर्थिक सुस्ती के दौर जैसी कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने की क्षमता है और भारत फिर से मजबूती के साथ उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर लौटेगा।
  • उद्योगपतियों से आगे बढ़कर निवेश के लिए कदम उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करना संभव है। 2024 तक पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को भी हासिल कर लिया जाएगा, यह लक्ष्य हासिल करना संभव है।
  • प्रधानमंत्री ने देश के आर्थिक हालात को लेकर सरकार की आलोचना करने वालों पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय कई तिमाहियां ऐसी रहीं हैं जब अर्थव्यवस्था की हालात काफी खराब रही।
  • वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ‘दि एसोसियेटिड चैंबर्स आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री आफ इंडिया (एसोचैम) के 100वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर जिस तरह की बातें हो रही हैं, उसके बारे में मुझे सब पता है। मैं इन बातों को चुनौती नहीं देता हूं बल्कि इनमें जो अच्छाई होती है उसे लेकर आगे बढ़ जाता हूं।
  • पिछली सरकार के समय एक तिमाही में आर्थिक वृद्धि की दर 3.5 प्रतिशत रह गई थी। खुदरा मुद्रास्फीति 9.4 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।
  • थोक मुद्रास्फीति का आंकड़ा 5.2 प्रतिशत और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले राजकोषीय घाटा 5.6 प्रतिशत तक पहुंच गया था।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक सुस्ती और मौजूदा परिस्थितियों से बाहर निकलने में देश पूरी तरह समर्थ है। इस परिस्थिति से भारत पहले से भी मजबूत होकर बाहर निकलेगा और अधिक मजबूती और संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा। ‘‘हमारे इरादे मजबूत हैं, हौसले बुलंद हैं। जो संकल्प लेते हैं देश को उसके साथ जोड़कर उसकी सिद्धि में पूरी ताकत लगा देते हैं।
  • मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में चालू वित्त वर्ष के दौरान जुलाई- सितंबर 2019 तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई। विनिर्माण और उपभोक्ता खपत कमजोर पड़ने से आर्थिक वृद्धि की गति लगातार सुस्त पड़ती जा रही है।
  • भारत में आज दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप परिवेश है। दुनिया के निवेशक पूरी आशा और विश्वास के साथ भारत की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश ढांचागत सुविधाओं के क्षेत्र में किया जाना है। हर घर जल पहुंचाने की योजना में 3.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो करोड़ घरों का निर्माण हो रहा है। किसानों की आय दुगुनी करने का काम जारी है। सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों के लिये वित्तपोषण की बेहतर, सरल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

Seema Sharma

Advertising