नोट बदलवाने में लोग अपना रहे चालाकी, बैंक उठाएगा सख्त कदम

Tuesday, Nov 15, 2016 - 08:40 AM (IST)

चंडीगढ़ (आशीष): पांच सौ व एक हजार के नोट बंद होने के बाद यह नोट छोटी और नई करैंसी में बदलने की सुविधा में लोग चालाकी भी दिखा रहे हैं। कुछ बैंकों को नोट बदलने के लिए लगाए गए पहचान पत्रों की जांच में पता लगा है कि कई लोग दो-दो बार नोट बदलवा ले गए हैं। यह ऐसे लोग हैं, जिनका खाता किसी अन्य बैंक में है या है ही नहीं। केवल फॉर्म भरकर अपने पहचान पत्र से यह नोट बदलवा ले गए हैं। यह स्थिति सामने आने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिजर्व बैक ऑफ इंडिया को एक ई-मेल भेजा है। इसमें लोगों की इस चालाकी का उल्लेख करते हुए लिखा है कि हमारे पास ऐसी कोई सुविधा नहीं है कि हम पता लगा सकें कि नोट बदलवाने आया व्यक्ति पहले किसी दूसरे बैंक से भी नोट बदलवा चुका है या नहीं। लोग अलग-अलग बैंकों से नोट बदलवाने के लिए अलग-अलग आई.डी. का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद अब बैंक नोट बदली में सख्ती के लिए कदम उठाने जा रहे हैं।

 

ऐसे भी हो रहा काला धन सफेद
एक सी.ए. ने बताया कि अब लोग अपना कालाधन सफेद करने के लिए बैंक के करंट अकाऊंट का सहारा ले रहे हैं। जो फर्म साल की अपनी टर्नओवर लिमिट पूरा नहीं कर पातीं, उन फार्मों पर अब कालाधन रखने वालों की नजर है। दरअसल, टर्नओवर लिमिट हर बिजिनैस की अलग-अलग होती है लेकिन औसतन यह 20 लाख रुपए से ऊपर ही रहती है। ऐसे में लोग फर्जी बिल बनवाकर अपना धन सफेद करने की भी कोशिश कर रहे हैं।     

 

सैंट्रल बैंक ने कसा शिकंजा
सैेंट्रल बैंक ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसकी मदद से व्यक्ति के आधार कार्ड नंबर और पैन कार्ड को अपनी सभी बैंक शाखाओं के साथ लिंक किया है, जिससे यदि कोई एक व्यक्ति सैंट्रल बैंक की किसी भी शाखा से एक दिन में दूसरी बार नोट बदलवाने गया तो पकड़ा जाएगा। यह सॉफ्टवेयर तुरंत बता देगा कि यह व्यक्ति इससे पहले सैंट्रल बैंक की किस शाखा में नोट बदलवा चुका है।

 

लोग रोज लाइन में लगने को मजबूर
500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के मोदी सरकार के फैसले की जहां शुरूआती दिनों में तारीफ हो रही थी, वहीं अब सरकार के फैसले को कोस भी रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार ने बिना तैयारी के ही नोटों को बंद करने की घोषणा कर दी है। 

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