पटेलों के सिर से उतरने लगा हार्दिक का खुमार, ट्विटर पर छलका दर्द

Monday, Nov 20, 2017 - 07:39 PM (IST)

नेशनल डेस्कः गुजरात में सियासी हालात लगातार तेजी बदल रहे हैं। जिस पाटीदार आंदोलन की अगुवाई करके हार्दिक पटेल ने सत्तारूढ़ भाजपा से लेकर कांग्रेस को अपनी उंगलियों पर नाचने के लिए मजबूर कर दिया था। अब वही पटेल समुदाय हार्दिक से किनारा करने करने में लगा हुआ है। हार्दिक धीरे-धीरे गुजरात की सियासी रणभूमि में अकेले पड़ते जा रहे हैं। उनके अकेलेपन का ये दर्द अब उनके ट्वीट से भी झलकने लगा है। सोमवार की दोपहर हार्दिक ने ट्वीट किया।

उन्होंने लिखा- सियासत की रंगत में ना डूबो इतना कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए, जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को, गर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए।

इस ट्वीट के बाद हार्दिक पटेल ने एक और ट्वीट किया, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की लिखी पंक्तियों के जरिए भी अपना दर्द बयां करते हुए ट्वीट किया- बाधाएं आती हैं आएगी, घिरे प्रलय की घोर घटा, पांवों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं,निज हाथों में हंसते हंसते, आग लगाकर जलना होगा, क़दम मिलाकर चलना होगा।

आरक्षण आंदोलन के साथियों ने छोड़ा साथ
अब सियासत ने ऐसी करवट ली कि भाजपा के खिलाफ बगावती तेवर रखने वाले पटेल समुदाय के नेताओं को फिर से भाजपा रास आने लगी है। गुजरात विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही भाजपा ने पटेल समुदाय की नाराजगी दूर करने के जतन में लग गई। इस दौरान हार्दिक पटेल की अश्लील सीडी भी जारी हुईं, जिससे उनकी छवि कमजोर हुई। बीजेपी हार्दिक के साथियों को तोड़कर अपने साथ मिलाने लगी। आरक्षण आंदोलन के हार्दिक के साथी एक-एक करके बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। इनमें रेशमा पटेल, चिराग पटेल केतन पटेल, अमरीश व श्वेता पटेल जैसे युवा नेता शामिल हैं।

हार्दिक को सूरत में होने वाली रैली रद्द करनी पड़ी
हार्दिक पटेल ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस को गले लगाने की कवायद शुरू की। इस कड़ी में उन्होंने कांग्रेस के सामने आरक्षण सहित कई शर्त रखी थी लेकिन कांग्रेस की पहली लिस्ट आते ही पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने कांग्रेस के खिलाफ बगावत का झंडा उठा रखा है। सोमवार को गुजरात के कई स्थानों पर कांग्रेस और पाटीदार समुदाय के बीच झड़पें हुईं। इसे देखकर हार्दिक पटेल ने अपनी सूरत में होने वाली रैली को रद्द कर दिया है।

 

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