पतंजलि फूड लाएगी FPO, अप्रैल से शुरू होगी प्रक्रिया...बाबा रामदेव बोले-शेयर फ्रीज का नहीं पड़ेगा असर

Thursday, Mar 16, 2023 - 04:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पंतजलि फूड्स लि. ने गुरुवार को कहा कि वह सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के लिए अप्रैल में अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) लाएगी। कंपनी ने यह भी कहा कि शेयर बाजारों के पंतजलि फूड्स के प्रवर्तकों के शेयर के लेन-देन पर रोक लगाए जाने से उसके परिचालन पर असर नहीं पड़ेगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और BSE ने बाबा रामदेव की अगुवाई वाले पतंजलि समूह की कंपनी पंतजलि फूड्स के प्रवर्तकों के शेयर जब्त किए हैं। कंपनी देश की प्रमुख खाद्य तेल कंपनी है। रामदेव ने बातचीत में निवेशकों को और सार्वजनिक शेयरधारकों को आश्वस्त किया कि इससे पतंजलि फूड्स लि. (PFL) के कामकाज और वित्तीय प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ेगा तथा वृद्धि की गति बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।''

 

रामदेव ने कहा कि सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रवर्तकों के शेयरों पर पहले से ही सूचीबद्ध होने की तारीख से एक साल यानि 8 अप्रैल, 2023 तक लेन-देन पर रोक है। ऐसे में शेयर बाजारों के इस कदम का पीएफएल के कामकाज पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि समूह PFL का परिचालन बेहतर तरीके से कर रहा है और कारोबार विस्तार, वितरण, लाभ तथा प्रदर्शन समेत सभी चीजों पर ध्यान दे रहा है। FPO के बारे में रामदेव ने कहा, ‘‘हम करीब छह प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर निर्गम ला रहे हैं। इसको लेकर कोई सवाल नहीं है। देरी का कारण बाजार स्थिति का अनुकूल नहीं होना है।'' समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम एफपीओ के लिये प्रक्रिया अप्रैल में शुरू करेंगे।''

 

हरिद्वार के समूह ने कहा कि कई विदेशी और घरेलू निवेशक पीएफएल में निवेश को तैयार हैं। इससे पहले, पंतजलि फूड्स लि. ने कहा कि  BSE और NSE ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि परिवहन और पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास समेत उसकी 21 प्रवर्तक इकाइयों के शेयरों के लेनदेन पर न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से रोक लगा दी है। आचार्य बालकृष्ण पंतजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक और पंतजलि योगपीठ हरिद्वार के सह-संस्थापक हैं। प्रतिभूति अनुबंध (नियमन) नियम, 1957 के नियम 19ए (5) के तहत सूचीबद्ध इकाई को न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी 25 प्रतिशत रखने की जरूरत है। हालांकि, मार्च, 2022 में एफपीओ आने के बाद न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़कर 19.18 प्रतिशत हो गयी। यह नियम के मुताबिक 25 प्रतिशत से 5.82 प्रतिशत कम है।

Seema Sharma

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