राहुल-अडानी के मुद्दे पर संसद ठप, तीन दिनों से नहीं हुआ कोई कामकाज

Wednesday, Mar 15, 2023 - 09:11 PM (IST)

नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की नारेबाजी और अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग को लेकर संसद के दोनों सदनों में बुधवार को भी गतिरोध बना रहा। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार तीसरे दिन दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित हुई है। भाजपा के सदस्यों ने दोनों सदनों में राहुल गांधी से माफी की मांग पर जोर दिया और नारेबाजी की। दूसरी तरफ, अडाणी समूह के मामले को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने भारी हंगामा किया।

निचले सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया। इस बीच कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। कुछ विपक्षी सदस्यों के हाथों में तख्तियां भी थीं। उधर सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे।

अध्यक्ष बिरला ने आसन के पास नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह सदन चर्चा और संवाद के लिए है, नीतियां बनाने के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम जनता का कल्याण करना चाहते हैं और सदन को लोकतंत्र का मंदिर मानते हैं तो कम से कम सदन पर टिप्पणी नहीं करें। यह संसद लोकतंत्र का मंदिर है, आस्था का केंद्र है। सदन के अंदर और सदन के बाहर कभी संसद पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में तख्तियां दिखाने, नारेबाजी का अधिकार संसद से बाहर है।''

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लंदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘सदन के एक सदस्य विदेश में जाकर संसद का अपमान करते हैं। यह गंभीर विषय है। सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा कि यदि सदस्य (राहुल गांधी) माफी नहीं मांगते तो हंगामा कर रहे सदस्यों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और यदि ये सदस्य इसी तरह तख्तियां दिखाते हैं तो इन्हें निलंबित किया जाए। हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद ही कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। लोकसभा की कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर सदन में स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। इस कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण शून्यकाल एवं प्रश्नकाल आज भी नहीं हो सका तथा बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर कर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र का सोमवार से दूसरा चरण शुरू होने के बाद से ही उच्च सदन में सत्ता पक्ष के सदस्य राहुल गांधी से माफी की मांग पर अड़े हुए हैं। सुबह, उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत कार्यस्थगन कर चर्चा के लिए उन्हें 11 नोटिस मिले हैं। विपक्षी दल के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी गठित किए जाने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चर्चा कराने के लिए नोटिस भी दिए थे।

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आज विभिन्न विपक्षी दलों के नेता प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘(अडाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए) जेपीसी गठित करने की मांग हम बार-बार कर रहे हैं। हम ईडी के निदेशक के पास गये थे...।'' सदन के नेता पीयूष गोयल ने सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिये बिना लंदन में उनके दिये गये बयान की आलोचना करते हुए मांग की थी कि उन्हें देश एवं संसद से माफी मांगनी चाहिए।

बता दें कि हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘‘बर्बर हमला'' हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं। राहुल ने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं।

Yaspal

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