दिल्ली में फिर छिड़ी अधिकारों की जंग, LG छीन सकते हैं केजरीवाल की शक्तियां !

Tuesday, Mar 16, 2021 - 11:16 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और केजरीवाल सरकार एक बार फिर अधिकारों को लेकर आमने सामने आ गए हैं।  लोकसभा में सोमवार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 पेश किया गया जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल की कुछ भूमिका और अधिकारों को परिभाषित करने का प्रस्ताव किया गया है। इस बिल के बाद दिल्ली में  टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।


क्या है बिल में

  • नए बिल के मुताबिक दिल्ली में सरकार का अर्थ 'एलजी' होगा और विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक को वही मंजूरी देने की ताकत रखेगा।
  •  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा निचले सदन में पेश किए गए विधेयक में कहा गया कि दिल्ली सरकार को शहर के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले उपराज्यपाल से मशविरा लेना होगा।
  • इसके अलावा  दिल्ली सरकार अपनी ओर से कोई कानून खुद नहीं बना सकेगी।
  • विधानसभा या उसकी कोई समिति प्रशासनिक फैसलों की जांच नहीं कर सकती और यदि उल्लंघन कर नियम बनेंगे तो उसे रद्द माना जाएगा।
  • विधानसभा का कामकाज लोकसभा के नियमों के हिसाब से चलेगा। इसका अर्थ यह है कि विधानसभा में जो व्‍यक्ति मौजूद नहीं है या उसका सदस्‍य नहीं है, उसकी आलोचना नहीं हो सकेगी।
  • यह भी कहा गया कि ये बिल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों को बढ़ावा देता है, जिसके तहत दिल्ली में राज्य सरकार और उपराज्यपाल की जिम्मेदारियों को बताया गया है।

भाजपा ने किया स्वागत
जहां भाजपा ने इस बिल का स्वागत किया तो वहीं आम आदमी पार्टी ने इसकी निंदा की। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि उपराज्यपाल की कुछ भूमिका और शक्तियों को परिभाषित करने वाला केंद्र सरकार का विधेयक संवैधानिक रूप से ‘खतरनाक' है। उन्होंने साथ में भाजपा पर ‘पिछले दरवाजे' से राष्ट्रीय राजधानी पर शासन करने की कोशिश का आरोप लगाया। गुप्ता ने कहा कि यह विधेयक उच्चतम न्यायालय के फरवरी 2019 के आदेश के अनुरूप है।  


केजरीवाल ने किया विरोध
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कर लिखा कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 8 सीटें और एमसीडी उपचुनाव में एक भी सीट न पाकर रिजेक्ट हुई बीजेपी ने अब पर्दे के पीछे से सत्ता हथियाने की तैयारी कर ली है। इसी के तहत उसने आज लोकसभा में बिल पेश किया है। यह सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के फैसले के खिलाफ है। हम बीजेपी के असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक कदम का विरोध करते हैं।'

vasudha

Advertising