हंगामे के बीच लोकसभा में तीन विधेयक पारित, एक विधेयक को संसद की मंजूरी

Thursday, Dec 20, 2018 - 06:15 PM (IST)

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में अब तक हंगामे के बीच ही लोकसभा ने सरोगेसी, ट्रांसजेंडरों के अधिकार और उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित तीन विधेयकों को पारित कर दिया, वहीं ऑटिज्म से संबंधित एक विधेयक पर संसद ने मुहर लगा दी। ऑटिज्म पीड़ित दिव्यांगों के लिए राष्ट्रीय न्यास के गठन में नियमों की बाधाओं को दूर करने से संबंधित विधेयक को पिछले सप्ताह राज्यसभा की मंजूरी के बाद बुधवार को लोकसभा ने भी इसे मंजूरी प्रदान कर दी।

लोकसभा में सोमवार को उभयलिंगी व्यक्ति अधिकारों का संरक्षण विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान की गई जिसमें उभयलिंगी व्यक्ति को परिभाषित करने, उनके खिलाफ विभेद का निषेध करने एवं उनके लिंग पहचान का अधिकार प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच सदन ने 27 सरकारी संशोधनों को स्वीकार करने और कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी। सदन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि इस विधेयक में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के हितों का खास ध्यान रखा गया है और यह अपने आप में परिपूर्ण है।

विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस सहित कुछ विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच लोकसभा ने बुधवार को ‘सरोगेसी (विनियमन) विधेयक’ को मंजूरी दे दी। इसमें देश में वाणिज्यिक उद्देश्यों से जुड़ी किराए की कोख (सरोगेसी) पर रोक लगाने, सरोगेसी पद्धति का दुरूपयोग रोकने के साथ नि:संतान दंपतियों को संतान का सुख दिलाना सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है । ऑटिज्म पीड़ित दिव्यांगों के लिए राष्ट्रीय न्यास के गठन में नियमों की बाधाओं को दूर करने से संबंधित विधेयक को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई।

राज्यसभा में यह विधेयक पिछले सप्ताह पारित हुआ था और वीरवार को लोकसभा में हंगामे के बीच ही इसे पारित कर दिया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गहलोत ने राष्ट्रीय स्वपरायणता (आटिज्म) प्रमस्तिष्क घात(सेरिब्रल पेलिसी), मानसिक मंदता (मेंटल रिटार्डेशन) और बहु-निशक्तताग्रस्त (मल्टीप्ल डिसेबिल्टीज) कल्याण न्यास (संशोधन) विधेयक 2018 को पारित होने के लिए लोकसभा में पेश किया। इसके जरिए राष्ट्रीय स्वपरायणता, प्रमस्तिष्क घात, मानसिक मंदता और बहु-निशक्तताग्रस्त कल्याण न्यास अधिनियम 1999 में संशोधन किया गया है।

हंगामे के बीच ही लोकसभा ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। उपभोक्ताओं के हित के संरक्षण तथा उनसे जुड़े विवादों के समय से प्रभावी निपटारे से संबंधित उपभोक्ता संरक्षण विधेयक-2018 को वीरवार को लोकसभा ने मंजूरी प्रदान कर दी। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत से ही राफेल मामले पर कांग्रेस और भाजपा सदस्यों की नारेबाजी, कावेरी मुद्दे पर अन्नाद्रमुक एवं आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग के साथ तेलुगु देशम पार्टी के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा में कामकाज बाधित हो रहा है। वीरवार को सातवें कामकाजी दिन भी विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बाधित हुई।

इससे पहले सोमवार को निचले सदन में तीन तलाक से संबंधित ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018’ पेश किया गया जिसमें मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से संरक्षण प्रदान करने के साथ साथ ऐसे मामलों में दंड का भी प्रावधान किया गया है। इस विधेयक’ पर 27 दिसंबर को लोकसभा में चर्चा होगी और पारित कराया जाएगा। विधायी कार्यसूची के तहत इस विधेयक पर वीरवार को चर्चा होनी थी, लेकिन सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े के आग्रह पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे 27 दिसंबर की कार्यसूची में शामिल करने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पहले लोकसभा में पारित हो गया था लेकिन राज्यसभा में यह पारित नहीं हो सका।

shukdev

Advertising