पेपर लीक मामला : आरोपी संपूर्ण सिंह फिर रिमांड पर

Wednesday, Nov 16, 2016 - 08:48 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : टी.जी.टी./जे.बी.टी. टीचर पेपर लीक मामले में मंगलवार को सैक्टर-17 पुलिस स्टेशन ने पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद आरोपी बिजिंद्र नैन, संदीप और संपूर्ण सिंह को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने एक ओर जहां बिजिंद्र और संदीप को ज्यूडीशियल कस्टडी भेज देने की मांग की, वहीं 5 दिनों से पुलिस कस्टडी में चल रहे सोनीपत के 45 वर्षीय संपूर्ण सिंह का 7 दिनों का अतिरिक्त रिमांड मांगा। इसके पीछे कहा गया कि मिथिलेश की शिनाख्त करनी है। अन्य आरोपियों रविंद्र बणिया, अजय नैन, नरिंद्र मलिक, अशोक, सतीश व नवीन का पता लगाना है। इसके अलावा लाभार्थी कैंडीडेट्स सतिंदर हुड्डा, पूनम, पिंकी व अन्य दो महिलाओं की गिरफ्तारी करनी है। 

 

वहीं, बचाव पक्ष ने रिमांड का विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने उसे 2 दिनों के रिमांड पर भेज दिया। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि पुलिस पार्टी सतिंदर हुड्डा और उसकी पत्नी पूनम समेत रविंद्र बणिया और नवीन की गिरफ्तारी को लेकर संपूर्ण सिंह को 11 तारीख को सोनीपत व लखनऊ लेकर गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपियों के पारिवारिक सदस्यों व पड़ोसियों ने पुलिस पार्टी पर हमला किया और सतिंदर हुड्डा को पुलिस गिरफ्त से छुड़ा लिया था। इसे लेकर रोहतक में दंगा करने व सरकारी कर्मी से हाथापाई व कामकाम में रुकावट डालने का केस दर्ज करवाया गया। 

 

विजीलैंस ब्यूरो, मोहाली ने दिनेश कुमार यादव, मिथिलेश पांडे, बिजिंद्र नैन, सतीश, बणिया, एस.आई. अजय धनखड़, सतिंदर हुड्डा, प्रदीप लोचव, ललित कुमार, सुरेश यादव, अंजू देवी, मीनाक्षी, पूनम देवी व भावना के खिलाफ  भ्रष्टाचार अधिनियम, सरकारी कर्मी द्वारा आपराधिक स्तर पर विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में केस दर्ज किया था। शुरुआत में डायरैक्टर पंजाब विजीलैंस सुरजीत सिंह मामले में शिकायतकर्ता हैं। मामले की मास्टरमांइड मिथिलेश पांडे उर्फ गुरुजी है। संपूर्ण सिंह ने पूछताछ में बताया कि मिथिलेश पांडे गांव भोहरगढ़, नरेला, दिल्ली में कार्यरत था और टी.जी.टी. कैंडीडेट्स सतिंदर, पूनम, पिंकी व सोनीपत के भैंसवाल कलां गांव की दो अन्य महिलाओं समेत पेपर लीक में शामिल रविंद्र बणिया, अजय नैन, नरिंद्र मलिक, अशोक, सतीश तथा नवीन को जानता था। 

 

एस.आई. पर 10 लाख में सैटिंग के आरोप :
दिनेश को 20 जुलाई को प्रोडक्शन वारंट पर चंडीगढ़ ले आया गया था। उसने कबूला था कि वह फरवरी, 2015 में सोनीपत में बिजिंद्र से लीक हुए प्रश्न पत्र लेने गया था, मगर उसकी बिजिंद्र ने पिटाई कर दी और वह निधान हॉस्पिटल में भर्ती भी रहा। उसने बताया था कि सोनीपत पुलिस में भर्ती एक एस.आई. अजय धनखड़ ने दिनेश यादव से सेटलमैंट के लिए 10 लाख रुपए लिए थे। वहीं, कहा कि सतिंदर हुड्डा अप्रत्यक्ष रूप से मिथिलेश पांडे से मिला था और 70 लाख की पैमेंट भी लखनऊ में डिलीवर की थी। पुलिस ने पूछताछ के बाद हिसार के प्रदीप कुमार को भी पकड़ा था, जिसने कहा था कि वह भिवानी के ललित के संपर्क में था। उसने भिवानी के ही सुरेश यादव का नंबर मुहैया करवाया था। सुरेश ने प्रदीप से लीक प्रश्नपत्र की डील की थी। ललित ने जे.बी.टी. के लिए पेपर लिया और प्रदीप ने अपनी पत्नी अंजू देवी के लिए टी.जी.टी. के लिए डील की थी। प्रदीप लोचन ने बताया था कि सुरेश यादव ने 8 से 9 कैंडीडेट्स को नजफगढ़, दिल्ली में टी.जी.टी. पेपर दिखाया था। पी.यू. में यह परीक्षा आयोजित हुई थी और दिल्ली की प्रिंटिंग प्रैस में पेपर्स छपे थे। 

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