पलानीस्वामी के सामने हाथ पकड़कर गिड़गिड़ाया था- स्टालिन

Tuesday, Aug 14, 2018 - 06:38 PM (IST)

चेन्नईः द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पिता एवं पार्टी अध्यक्ष एम करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाने की अनुमति के लिए मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी का हाथ पकड़ कर गिड़गिड़ाते हुए विनती की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने इससे इन्कार कर दिया था। स्टालिन ने कहा,  भला हो हमारे वकील विल्सन का जिनके प्रयास से अन्ना के पास दफनाए जाने की कलैग्नार की अंतिम इच्छा पूरी हो सकी।



करुणानिधि के निधन के बाद पहली बार हुई द्रमुक कार्यकारिणी की बैठक में स्टालिन ने बहुत ही भावुक भाषण दिया। सबसे पहले बैठक में सर्वसम्मति से शोक प्रस्ताव पेश किया गया जिसमें वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने करुणानिधि के राजनीति में दिये गये अमूल्य योगदान की चर्चा की। इसके बाद उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।



स्टालिन ने मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए राज्य सरकार से अनुमित नहीं मिलने का जिक्र करते हुए कहा, चिकित्सकों ने जब यह बता दिया कि द्रमुक अध्यक्ष की स्थिति बेहद गंभीर है और उनके बचने की आस नहीं है, तब मैंने स्वयं मुख्यमंत्री से भेंट करके उनके हाथ पकड़कर विनती की थी कि मरीना बीच पर दफनाने की अन्ना स्मारक के पास जगह दी जाये।



पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मना करने के बावजूद मैं मुख्यमंत्री के पास गया था, लेकिन पलानीस्वामी ने मेरा आग्रह अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब कलैग्नार जीवन के आखिरी क्षण में थे तो मैंने मुख्यमंत्री के हाथों को पकड़ा और मरीना बीच में दफनाए जाने अपने पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने का अनुरोध किया, लेकिन वह नहीं माने। मरीना बीच पर करुनानिधि को दफनाये जाने की जगह मेरे वकील विल्सन के कारण मिली।



स्टालिन ने कहा, करुणानिधि चाहते थे कि उन्हें अन्ना के पास दफनाया जाए। जब डॉक्टरों ने कहा कि वे उन्हें बचाने के लिए और कुछ नहीं कर सकते, तो हम अन्ना स्मारक में जगह पाने के लिए दोस्तों के माध्यम से सरकार को जानकारी भेज रहे थे। अगर कलैग्नार को दफनाये जाने के लिए मरीना बीच पर जगह नहीं मिलती तो मैं जिन्दा नहीं रहता। मैं भी मर जाता।

Yaspal

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