मोदी राज में पाकिस्तानी भारत में रहने के सबसे ज्यादा इच्छुक

Sunday, Apr 02, 2017 - 12:25 PM (IST)

नई दिल्लीः मोदी सरकार पर अक्सर विपक्षी दल आरोप लगाते हैं कि वो इस्लाम विरोधी है। हालांकि आरटीआई के तहत जो जानकारी सामने आई है उसकी कहानी कुछ और ही बयां कर रही है। आरटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार में सबसे ज्यादा भारतीय नागरिकता इस्लामिक देशों के लोगों को मिली है। इसके अलावा पिछले साल सबसे ज्यादा पाकिस्तानियों ने हिंदुस्तान की सरजमीं में रहने का फैसला किया। हालांकि इसके इतर आधा दर्जन विकसित देशों के लोगों ने भारत की नागरिकता लेने में रुचि नहीं दिखाई। सितंबर 2016 में लगाए गए आरटीआई आवेदन का जवाब गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को दिया। मंत्रालय ने आरटीआई के माध्यम से जानकारी दी कि वर्ष 2011 से वर्ष 2016 तक कुल 5,477 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई। इसमें सबसे ज्यादा इस्लामिक देश के लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई।

2016 में सबसे ज्यादा पाकिस्तानियों मिली भारतीय नागरिकता
आरटीआई के मुताबिक पाकिस्तानियों को बीते पांच साल के दौरान 2016 में सबसे ज्यादा भारतीय नागरिकता दी गई है। इस वर्ष 669 पाकिस्तानी लोग भारतीय नागरिक बने। वहीं, पिछले तीन साल के दौरान अफगानिस्तान के नागरिकों में भारतीय नागरिकता लेने का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2012 में 45 अफगानिस्तानियों ने भारतीय नागरिकता ली थी, वहीं मोदी सरकार के 2014 में आने के बाद 2014 में 247, 2015 में 235 और 2016 में 244 अफगानिस्तानियों ने भारत की नागरिकता ली। इसके अलावा ईरानियों ने भी सबसे ज्यादा वर्ष 2016 में ही भारतीय नागरिकता ली।

इसके इतर अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, चीन जैसे विकसित देशों के लोगों ने भारतीय नागरिकता लेने में कम दिलचस्पी दिखाई। मोदी सरकार के कार्यकाल में सिर्फ ब्रिटेन के लोगों ने सबसे ज्यादा 61 लोगों ने वर्ष 2016 में भारतीय नागरिकता ली। वहीं, 2014 में 18 अमेरिकियों, 2015 में 25 और 2016 में सिर्फ 3 लोगों ने भारतीय नागरिकता ली।

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