PAK को सौंपा जाएगा यह शख्स, फेसबुक पर प्यार के बाद भारतीय लड़की से रचाई थी शादी

Monday, Feb 27, 2017 - 07:41 PM (IST)

इंदौरः मध्यप्रदेश के देवास की लड़की से फेसबुक पर प्यार और शादी के बाद वीजा खत्म होने के चलते जेल जाने वाले युवक को पाकिस्तान लौटना होगा। केंद्र सरकार ने युवक को वापस भेजने का आदेश जारी कर दिया हैं। देवास कोर्ट यह निर्देश अगस्त 2016 में ही जारी कर चुकी थी, लेकिन गृहमंत्रालय से हरी झंडी मिलने का इंतजार था। 1 मार्च 2017 तक अकबर को अमृतसर के आगे वाघा बॉर्डर पर पाक रेंजर्स के हवाले कर दिया जाएगा। उसे सौंपने के लिए जिला पुलिस ने स्पेशल टीम बनाई है जो संभवत: आज या कल रात में उसे लेकर देवास बीएनपी थाने से रवाना होगी। इनकी कहानी साल 2012 में शुरू हुई, जब एमए इंग्लिश पढ़ी देवास की सफिया और पाकिस्तान का अकबर शाह दुर्रानी (30) सोशल नेटवर्क पर एक-दूसरे से मिले। दोस्ती कुछ ही दिनों में प्यार में बदल गई। दोनों ने शादी करने का फैसला किया। 

अकबर चाहते थे शादी के बाद दोनों शारजाह बस जाएंगे। लेकिन सफिया इसके लिए राजी न थी। उसने अपना मुल्क छोड़ने से इंकार कर दिया और अकबर को यकीन दिलाया कि वह एक बार भारत आएं, उसे यहां भी अच्छा लगेगा। ऐसा नहीं हुआ तो फिर कुछ और सोचेंगे। अकबर मां मलका खानन के साथ जनवरी 2013 में एक माह का वीजा लेकर देवास आए और यहीं 23 जनवरी को सफिया से शादी कर ली। अप्रैल में फिर वे 3 माह का वीजा लेकर आए थे। जुलाई 2013 में 2 साल का मल्टीपल वीजा जारी हुआ। परिवार का इकलौता बेटा अकबर प्यार की खातिर भारत आकर यहीं बस गया। एमए इकॉनामिक्स अकबर ने भी सफिया के घर ही ट्यूशन लेना शुरू कर दी। 20 फरवरी 2015 को सफिया ने बेटे अरीज को जन्म दिया। सबकुछ ठीक था।  सामान्य प्रक्रिया के तहत मई 2015 में अकबर ने वीजा अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन कर दिया और बाद में ऑनलाइन प्रोसेस भी कर दी।

एसपी ऑफिस से लेकर पीएचक्यू तक वीजा को लेकर उन्हें अलग-अलग जानकारी दी। वे यह जानना चाहते थे आवेदन कर चुका हूं, लेकिन वीजा अवधि नहीं बढ़ी तो क्या मुझे वापस जाना होगा या रह सकता हूं। उन्हें पहले हां कहा, लेकिन बाद में पुलिस ने बिना वीजा भारत में रहने के आरोप में 8 अगस्त 2015 को जेल भेज दिया। सफिया और उसके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। अंडर ट्रायल केस चला और 11 माह 20 दिन में अदालत ने एक साल की सजा और सुरक्षित पाकिस्तान वापस भिजवाने का आदेश दिया। फैसले के 6 दिन बाद ही सजा पूरी हो गई, लेकिन दूतावास स्तर पर उलझी प्रक्रिया के कारण 6 महीने बाद भी न तो अकबर को पाकिस्तान भेजा गया और न ही उसे वीजा मिला। 6 अगस्त 2016 से बीएनपी थाना अकबर का घर बन गया है। उसे वहां पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। पत्नी सफिया कहती हैं उन्होंने मेरी मोहब्बत की खातिर अपना देश छोड़ दिया और उन्हें आज जाे सजा मिल रही है, उसे अल्फाजों में बयां नहीं कर सकती। हमने समय रहते वीजा के लिए अप्लाय किया, लेकिन वहां से समय रहते उसे आगे नहीं बढ़ाया। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री को ट्वीट किए पर आज तक मदद नहीं मिली।

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