हाफ़िज़ सईद को लेकर पाक सरकार ने दिया बयान

Sunday, Oct 28, 2018 - 10:52 AM (IST)

पेशावरः हाफ़िज़ सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के  पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठनों की सूची में बाहर आने के ठीक एक दिन बाद पाकिस्तान सरकार से जुड़े एक सूत्र ने बताया  कि पाक सरकार इस मामले में "कोई न कोई क़दम ज़रूर उठाएगी। " अमरीका और भारत पाकिस्तान के कट्टरपंथी धार्मिक नेता हाफ़िज़ सईद पर साल 2008 में हुए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाती रही है।

हाफ़िज़ सईद ने साल 1990 में चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तयैबा की स्थापना की थी। इस संगठन को प्रतिबंधित घोषित किए जाने के बाद उन्होंने साल 2002 में एक दूसरे संगठन जमात-उद-दावा की स्थापना की। अमरीकी सरकार ने साल 2012 में हाफ़िज़ सईद को गिरफ़्तार करने के लिए उसकी ख़बर देने के बदले में 1 करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा की है। लेकिन पाकिस्तान में अक्सर हिरासत में लिए जाने के बावजूद हाफ़िज़ सईद आज़ादी से ज़िंदगी जी रहा है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सईद के वकीलों ने कोर्ट को बताया है कि पाकिस्तान में हाफ़िज़ सईद के संगठनों को प्रतिबंधित करने वाला अध्यादेश निरस्त होने के साथ ही इन संगठनों पर प्रतिबंध हट गया है।

पाकिस्तान के डिप्टी अटॉर्नी जनरल राजा ख़ालिद महमूद ख़ान ने भी  सईद के वक़ीलों का दावा सही बताया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने बीते फरवरी में 1997 के एंटी-टैरेरिज़्म एक्ट में संशोधन के लिए एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर करके जेयूडी और एफआईएफ को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल दिया था। लेकिन इसके बाद सईद के वकीलों ने इसके ख़िलाफ़ इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाई जिसे कोर्ट ने ख़ारिज़ कर दिया।क्योंकि इस ऑर्डिनेंस का नवीनीकरण करने के साथ-साथ इसे पाक संसद में पेश नहीं किया गया है। पाकिस्तान के विधि विभाग के अधिकारियों ने इस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है। 

Tanuja

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