16 दिसंबर को आतंकियों ने की थी हैवानियत की हदें की पार, खाना खाता बच्चों पर बरसाई गोलियां

Monday, Dec 16, 2019 - 12:47 PM (IST)

नई दिल्ली:  सोलह दिसंबर की तारीख इतिहास में पाकिस्तान में मासूम स्कूली बच्चों पर हुए आतंकी हमले की दुखद घटना के साथ दर्ज है। तालिबान की पाकिस्तानी इकाई तहरीक ए तालिबान के आतंकियों ने 16 दिसंबर 2014 को पेशावर में एक स्कूल को निशाना बनाया और अंधाधुंध गोलियां बरसाकर 150 लोगों की जान ले ली। इनमें 134 बच्चे थे। छह आतंकी सुरक्षाबलों की वर्दी में आर्मी स्कूल में घुसे और इस कायराना हमले को अंजाम दिया। उस समय स्कूल में 1500 से ज्यादा बच्चे थे और हमले के दौरान 1000 से ज्यादा बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बाकी बच्चे स्कूल में फंसे रह गए और उनमें से 134 मासूमों की जान चली गई। आईए जानते हैं आतंकियों ने दक्षिण एशिया को कब-कब दहलाया। 

पाकिस्तान: 132 बच्चों की मौत, 245 से ज्यादा घायल (2014) 
17 दिसंबर 2014 को पाकिस्तान के पेशावर में यह हमला हुआ था। आर्मी स्कूल में हुए इस हमले में कुल 141 लोग मारे गए थे जिनमें से 132 स्कूली बच्चे थे। बाकि 9 लोग स्टाफ के बताए गए। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। मौके पर पाक सेना ने 6 आतंकियों को मार गिराया था। 


पल्लियागोडेला हत्याकांड: 172 की मौत, 83 जख्मी (1992) 
बात उन दिनों की है जब श्रीलंका में प्रभाकरन का संगठन लिट्टे मजबूत था। कहा जाता है कि यह अकेला ऐसा आतंकी संगठन का जिसके पास अपनी जल, वायु और हवाई 'सेना' थी। इस संगठन ने श्रीलंका के पोलानवार्वा जिले में मुसलमानों के गांव पर हमला किया था। 200-300 लिट्टे के सदस्यों द्वारा किए गए इस हमले में 172 लोगों की जान ले ली गई थी, जिसमें से 171 मुसलमान ही थे। 




इंडोनेशिया: 202 मौत (2002) 
साल 2002 के 12 अक्टूबर को बाली के एक बीच (कूटा) पर सुसाइड अटैक हुआ था। यह इंडोनेशिया के इतिहास में अबतक का सबसे भयानक आतंकी हमला है, इसमें 202 लोगों की मौत हुई थी वहीं 250 से ज्यादा घायल हो गए थे। जेमाह इस्लामिया नाम के एक चरमपंथी ग्रुप को इसका जिम्मेदार बताया गया था। संगठन से संबंधित तीन लोगों को मौत की सजा भी हुई थी। 

मुंबई ट्रेन ब्लास्ट: 187 मौत, 700 से ज्यादा जख्मी (2006) 
11 जुलाई 2006 के उस दिन को मुंबई के साथ-साथ देश भी कभी नहीं भुला सकता। इस दिन माटुंगा, माहिम, बांद्रा, खार सबवे, जोगेश्वरी, बोरीवली, मीरा रोड पर कुल 7 धमाके हुए थे। इसमें 187 लोगों की मौत हुई थी और 700 के करीब जख्मी हो गए थे। इस हमले में 12 लोगों को दोषी करार दिया गया था। 

मुंबई आतंकी हमला: 174 की मौत, 300 से ज्यादा घायल (2008) 
देश के इतिहास में 26/11 मुंबई हमला सबसे भयावह आतंकी हमला था जिसने सभी की रूह को कंपा दिया था। लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकियों ने इस नापाक हरकत को अंजाम दिया था। वे लोग समुद्र के रास्ते भारत में दाखिल हुए। यहां आकर वे सभी अलग-अलग गुट में बंट गए थे और अपने-अपने सेट टारगेट पर हमला किया। इन्होंने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज होटल आदि को निशाने पर लिया था। आतंकियों को मारने के लिए 4 दिनों तक ऑपरेशन चलाया गया था। 
 

 

Anil dev

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