कुलभूषण से लेकर सबरबजीत तक, यह है पाकिस्तान का काला इतिहास

punjabkesari.in Tuesday, Apr 11, 2017 - 03:44 PM (IST)

नई दिल्ली: पाकिस्तान की एक अदालत ने जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण सुधीर जाधव को मौत की सजा सुनाई । जाधव को तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया गया था।  पाकिस्तान ने ये दावा किया था कि कुलभूषण एक रॉ एजेंट है जो खुफिया जानकारी के लिए पाकिस्तान में आया है। यह पहला मामला नहीं है जब पाक ने जासूसी के आरोप में भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया हो। आईए एक नजर डालते है ऐसे ही कुछ मामलों पर......


कुलभूषण जाधव
दोनों देशों के बीच जासूसी को लेकर अभी सबसे ज्यादा चर्चित मामला है कुलभूषण जाधव। पाक की सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव पर जाजूसी का आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुनाई है। कुलभूषण को 3 मार्च 2016 को ईरान से पाकिस्तान में अवैध घुसपैठ का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया गया। पाक का दावा है कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए जासूसी का काम करता है। हांलाकि भारत ने इस बात को सिरे से नकार दिया है। साथ ही इस बात कि पुष्टि की है कि कुलभूषण रॉ एजेंट नहीं हैं बल्कि वो नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं।


सरबजीत सिंह
इसी तरह के दूसरे मामले की अगर बात कि जाए तो सबके जहन में आता है सरबजीत सिंह का मामला। भारत की ओर से रिहाई की तमाम कोशिशों के बीच 2 मई 2013 को पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला कर सरबजीत सिंह की हत्या कर दी थी। 28 अगस्त 1990 को पाकिस्तान ने अपने इलाके में सरबजीत को गिरफ्तार करने का दावा किया। वहीं सरबजीत के परिवार को कहना है कि वो किसा जासूसी के मकसद से नहीं बल्कि शराब के नशे में वहां पहुंच गया था। 

कश्मीर सिंह
कश्मीर सिंह 35 साल तक पाकिस्तान की जेल में बंद रहे थे। ये मामला भी उस समय काफी गर्म था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उन पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाया गया था लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। पाकिस्तान से लौटने के बाद कश्मीर सिंह ने बताया कि वह पाकिस्तान में जासूस नहीं थे।

सुरजीत सिंह का किस्सा
एक और ऐसा ही मामला है सुरजीत सिंह का। 69 वर्षीय सुरजीत सिंह 2012 में पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत लौटे। सुरजीत सिंह का कहना था कि उनको तथ्यों को भी तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए हैं। उनपर आरोप लगाया गया कि वो एक जासूस हैं। अपनी आपबीती बताते हुए सुरजीत सिंह ने बताया कि जेल में बंद सरबजीत से उनकी नियमित मुलाकात होती थी और वे हर तरह की बात करते थे।


रवींद्र कौशिक
इन सबके अलावा पाकिस्तान में भारतीय जासूसी के किस्सों में सबसे चर्चित मामला रहा है रवींद्र कौशिक का। रविंद्र कौशिक की मौत भी पाकिस्तानी की ही एक जेल में हुई थी, लेकिन मौत से पहले के उनके कारनामे किसी मूवी से कहीं ज्यादा रोमांचक रहे थे। वो न सिर्फ भारत के लिए जासूसी करने पाकिस्तान गए बल्कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना में मेजर तक का पद हासिल कर लिया था। 


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