ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट में खुला पाकिस्तान की बर्बादी का राज; इस कारण डूबा देश, CPI में मिली सबसे खराब रेंकिंग

Wednesday, Feb 01, 2023 - 02:17 PM (IST)

पेशावर: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में पाकिस्‍तान की आर्थिक मंदहाली का राज खुल गया है। भ्रष्टाचार सूचकांक (CPI) से सबसे खराब रेंकिंग पाकिस्‍तान को मिली है। पाक  उन दस देशों की लिस्‍ट में शामिल किया गया है जो  Corruption Perceptions Index यानि भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) में निचले पायदान पर आए हैं। साल 2022 की रैकिंग में पाकिस्‍तान को सबसे कम रैकिंग मिली है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2012 के बाद पाकिस्‍तान को इतनी खराब रैकिंग मिली है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की तरफ से हर साल CPI को जारी किया जाता है। इस इंडेक्‍स को संस्‍था की तरफ से पब्लिक सेक्‍टर में मौजूद भ्रष्‍टाचार के स्‍तरों के आकलन के बाद तैयार किया जाता है।

 

साल 2018 में पाकिस्‍तान को 180 में से 117 रैकिंग मिली थी। लेकिन कुछ सालों में इस रैकिंग में गिरावट हुई। साल 2021 में यह देश 140वें स्‍थान पर आ गया था। इस साल यानी साल 2022 में पाकिस्‍तान को वही रैकिंग दी गई है। पाकिस्‍तान का CPI स्‍कोर 27 अंकों तक आ गया है जबकि एक साल पहले यह 28 था। इसके साथ ही पाकिस्‍तान उन देशों की लिस्‍ट में आ गया है जहां पर भ्रष्‍टाचार में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में पाकिस्‍तान के अलावा कुछ और देशों की CPI रैकिंग में गिरावट दर्ज की गई है। लक्‍जमबर्ग का CPI स्‍कोर 77, कनाडा 74, यूके 73, ऑस्ट्रिया 71, मलेशिया 47, मंगोलिया 33, पाकिस्‍तान 27, होंडुरास 23, निकारागुआ 19 और हैती 17 अंकों की गिरावट हुई है। भारत और बांग्‍लादेश को क्रमश: 85वां और 147वां स्‍थान मिला है। 

 

 रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान की स्थिति बेहद ही खराब है। देश में जब इमरान खान की सरकार थी तो बतौर प्रधानमंत्री उन्‍होंने वादा किया था कि वह तेजी से बढ़ते भ्रष्‍टाचार से निपटेंगे। साथ ही सामाजिक और आर्थिक सुधारों को तेजी से आगे बढ़ांएगे। लेकिन 2018 में जब उन्‍होंने सत्‍ता संभाली तो उन्‍होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अहम बात यह है कि नई सरकार की तरफ से किसी भी तरह के राजनीतिक स्‍कैंडल को आगे नहीं बढ़ने नहीं दिया गया है जो भ्रष्‍टाचार-विरोधी विस्‍तृत उपायों में बाधा डाल सके।  रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्‍टाचार ने पिछले 15 सालों में दुनिया की शांति भंग करने में बड़ी भूमिका अदा की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भ्रष्‍टाचार सरकार की उन क्षमताओं को कमजोर करता है जो जनता की सुरक्षा और उसके भरोसे के लिए जरूरी होती हैं।

Tanuja

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