18 साल पहले भारत के इस ''सीनियर वकील'' ने दी थी PAK को ICJ में मात

Friday, May 19, 2017 - 02:23 PM (IST)

नई दिल्ली: इंटरनेशनल कोर्ट में कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान को गुरुवार को बड़ा झटका लगा। इंटरनेशनल कोर्ट ने अपने फैसले में कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी है। भारत की इस जीत के बाद सभी ने वकील हरीश साल्वे की तारीफ की। पीएम मोदी ने साल्वे और उनकी टीम के काम की सराहना की। बता दें ऐसा पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान को किसी भारतीय वकील ने पटखनी दी हो, इससे पहले 1999 में भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी की दलीलों के सामने इंटरनेशनल कोर्ट में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी। सोराबजी ने कोर्ट में यह साबित कर दिया था कि पाकिस्तान की ओर से दाखिल किया गया मामला कोर्ट के दायरे में ही नहीं आता है। उस समय पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट में याचिका दायर की थी।

तब पाकिस्तान पहुंचा था इंटरनेशनल कोर्ट
पाकिस्तान 21 सितंबर 1999 को भारत के खिलाफ अपनी याचिका लेकर इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचा था। पाक ने अपनी याचिका में कहा था कि उसकी नेवी के टोही विमान को भारत ने मार गिराया है। कारगिल की जंग खत्म होने के कुछ दिन बाद ही 10 अगस्त 1999 को भारतीय वायुसेना ने कच्छ के रण में एक पाकिस्तानी विमान ब्रेके ऐटलैंटिक को मार गिराया था। भारत ने अपने जवाब में साफ तौर पर कहा था कि विमान ने भारतीय वायुक्षेत्र में अनाधिकृत ढंग से प्रवेश किया और बार-बार चेतावनी देने के बावजूद वापस नहीं गया।

21 जून 2000 को आया था फैसला
ICJ ने अपना फैसला 21 जून 2000 को सुनाया था जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की याचिका खारिज की थी। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि यह मामला दोनों देशों के दि्वपक्षीय रिश्तों के अंतर्गत आता है और इस मामले को दोनों देशों को आपस में ही निपटाना चाहिए। उस समय भारत के पक्ष में कोर्ट ने 14-2 के अंतर से फैसला सुनाया था, कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपने विवाद शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की हिदायत भी दी थी।

वहीं हरीश साल्वे और सोराबजी में खास कनेक्शन है। साल्वे ने अपने करियर की शुरुआत सोराबजी के जूनियर के तौर पर ही की थी। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में दोनों ही भारत के शीर्ष लॉ ऑफिसर थे। उस समय सोराबजी जहां अटॉर्नी जनरल थे, वहीं साल्वे सॉलिसिटर जनरल के पद पर थे।

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