पाकिस्तानी सीनेट चुनावः खैबर पख्तूनख्वा में पहली बार जीता सिख उम्मीदवार

Thursday, Mar 04, 2021 - 11:00 AM (IST)

पेशावर: पाकिस्तान के सीनेट चुनावों में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान-तहरीक-इंसाफ पार्टी के गुरदीप सिंह ने जीत दर्ज की। वह इस प्रांत से पहले पगड़ीधारी सिख प्रतिनिधि बन गए हैं। सिंह ने संसद के उच्च सदन के लिए हुए चुनाव में अल्पसंख्यक सीट पर बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को पराजित किया। सिंह को सदन में 145 में से 103 मत प्राप्त हुए जबकि जमीयत उलेमा-ए इस्लाम (फजलुर) के उम्मीदवार रणजीत सिंह ने सिर्फ 25 वोट हासिल किए और अवामी नेशनल पार्टी के आसिफ भट्टी ने 12 प्राप्त किये। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि अल्पसंख्यक उम्मीदवारों के पांच मतों को पीठासीन अधिकारी ने अस्वीकार कर दिया।

 

खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने दावा किया था कि सिंह को 102 वोट मिलेंगे, जबकि उन्होंने एक अधिक वोट हासिल किया जिससे इस तरह के संकेत है कि एक विपक्षी सदस्य ने भी उनके पक्ष में मतदान किया। स्वात जिले के रहने वाले सिंह सीनेट में प्रांत के पहले पगड़ीधारी सिख प्रतिनिधि हैं। इसके अलावा  पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को महत्वपूर्ण सीनेट चुनावों में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पराजित कर दिया। इस नतीजे को प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी के लिए प्रचार किया था।

 

सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने दावा किया था कि उसे 182 सदस्यों का समर्थन मिला, जबकि सीनेटर को चुनने के लिए 172 वोटों की आवश्यकता थी। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने घोषणा की कि, ‘‘यूसुफ रजा गिलानी को 169 मत मिले जबकि शेख को 164 मत मिले। सात मत खारिज हुए। कुल मतों की संख्या 340 थी।''  शेख की हार के बाद   प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में विश्वास मत हासिल करने का फैसला किया है। खान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगी की जीत के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास किया था।

 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ नेता गिलानी विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के सर्वसम्मत उम्मीदवार थे। गिलानी की जीत के बाद कई विपक्षी नेताओं ने खान की भारी आलोचना की और मांग की कि उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। परिणाम घोषित होने के कुछ घंटे बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास मत हासिल करने का फैसला किया है। सत्तारूढ़ पार्टी के उपाध्यक्ष कुरैशी ने कहा, ‘‘यह निर्णय पार्टी की बैठक में विचार विमर्श के बाद लिया गया।'' 

Tanuja

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