कनाडा-यूरोप में खालिस्तान रेफरेंडम 2020 के पीछे पाक लेफ्टिनेंट कर्नल का दिमाग

Tuesday, Aug 07, 2018 - 01:07 PM (IST)

नई दिल्लीः  कनाडा और कुछ यूरोपीय देशों में खालिस्तान की मांग को लेकर चलने वाले आंदोलन रेफरेंडम 2020 के पीछे पाकिस्तानी सेना में चौधरी साहिब के तौर पर जाने जाते लेफ्टिनेंट कर्नल महमूद माल्ही का दिमाग है।  यह जानकारी भारतीय खुफिया एजेंसी ने दी है। भारतीय जासूसों ने दावा किया है कि उन्होंने माल्ही के कंप्यूटर से वह दस्तावेज निकाल लिए हैं जिसमें रेफरेंडम 2020 को लेकर विस्तृत रोडमैप मौजूद है। इस रेफरेंडम के पीछे मौजूद अमरीका बेस्ड सिख फॉर जस्टिस समूह ने लगातार इस बात को बनाए रखा है कि इनकी पहल के पीछे कोई भयावह अंतर्ष्ट्रीराय षड्यंत्र नहीं है। वह केवल  अपना अधिकार मांग रहे हैं। 

वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि चौधरी साहिब आईएसआई के लाहौर की सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे हैं। यह टुकड़ी 2015 से पंजाब-विशिष्ट गतिविधियों को प्रायोजित करती रही है। उसने पिछले 2 सालों से पंजाब में  मारे गए राइट विंग के हिंदू नेताओं की मौत के पीछे अहम भूमिका निभाई है।  सूत्रों ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि लाहौर सैन्य टुकड़ी का गुरदासपुर के दीनानगर शहर में जुलाई 2015 को हुए आतंकी हमले में और 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए फिदायीन हमले में कोई हाथ नहीं था।

लाहौर के वापडा शहर निवासी शाहिद महमूद माल्ही,  की तैनाती बलोच रेजीमेंट की 25वीं बटालियन में 12 अक्तूबर 1995 में हुई थी। उसे 10 अगस्त 2012 को प्रमोशन देकर लेफ्टिनेंट कर्नल बना दिया गया। खुफिया एजैंसी के दस्तावेजों के अनुसार वह पहले कोसोवा में मई 2005 से मई 2005 के बीच कोसोवा में यूएन मिशन का हिस्सा रहा है। उसका भाई लेफ्टिनेंट खालिद महमूद माल्ही इस समय पाकिस्तान की सिंध रेजीमेंट में है।

माल्ही के अपने वरिष्ठ अधिकारी को भेजे गए एक दस्तावेज के अनुसार उसने 6 जून 2020 को रेफरेंडम लॉन्च करने की बात कही है। 2020 को ऑपरेशन ब्लूस्टार की 36वीं बरसी होगी। इस रेफरेंडम का नेतृत्व अमेरिका बेस्ड संगठन कर रहा है।

 

Tanuja

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