पाक सरकार ने इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर निर्माण की दी अनुमति, 6 माह पहले कट्टरपंथियों ने रुकवा दिया था काम

Tuesday, Dec 22, 2020 - 02:24 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान में  6  महीने पहले इस्लामी कट्टरपंथियों के दबाव में इस्लामाबाद में रोका मंदिर का निर्माण कार्य  इमरान सरकार ने  फिर शुरू कराने की अनुमति दे दी है।  कट्टरपंथियों के विरोद करने पर इस मंदिर का निर्माण रोक दिया गया था। इस्लामाबाद के एच-9 प्रशासनिक क्षेत्र में 20 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में कृष्ण मंदिर का निर्माण होना है। इसमें श्मशान के साथ ही कई अन्य धार्मिक अनुष्ठान के लिए निर्माण कराए जाने हैं। कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीडीए) ने सोमवार को लाहौर में अधिसूचना जारी कर श्मशान भूमि की चाहरदीवारी बनाने की अनुमति दे दी।  

 

इसमें कहा गया है कि चारदीवारी की ऊंचाई सात फुट से अधिक नहीं होगी। चाहरदीवारी पक्की हो सकती है या तीन फुट तक पक्की नींव के बाद उस पर बाड़ लगाई जा सकती है। कुछ कट्टरपंथी मौलवियों ने सरकार को इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण की अनुमति देने के खिलाफ चेताया था। इसके बाद ही सीडीए ने इस साल जुलाई में चाहरदीवारी के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। हालांकि, उसने इसकी वजह कुछ औपचारिकताओं के पूरा होने में देरी बताई थी।

 

सरकार ने मौलवियों की परिषद काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआइआइ) से मंदिर निर्माण के साथ ही इसके लिए 10 करोड़ रुपए अनुदान देने पर राय मांगी थी। CII ने कहा था कि संविधान या शरिया कानून में इस्लामाबाद या देश के किसी भी क्षेत्र में मंदिर निर्माण पर कोई रोक नहीं है। CII के 14 सदस्यों के हस्ताक्षर वाले फैसले में यह भी कहा था कि देश में रहने वाले अन्य धर्म के लोगों की तरह हिंदुओं को भी अपनी आस्था के मुताबिक अंतिम संस्कार करने का संवैधानिक अधिकार है। 

 

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंदिर निर्माण के लिए जमीन आबंटित की थी। इसके बाद सीडीए ने 2017 में हिंदू पंचायत को इस्लामाबाद में उक्त जमीन दी थी। पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। इनकी अनुमानित आबादी 75 लाख है। हालांकि, हिंदुओं के मुताबिक उनकी आबादी 90 लाख से अधिक है। ज्यादातर हिंदू सिंध प्रांत में रहते हैं।

Tanuja

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