PAK की मशल माहेश्वरी की मदद को खुद आगे आईं सुषमा स्वराज, ट्वीट कर किया यह वादा

Monday, May 30, 2016 - 03:00 PM (IST)

जयपुर: 12वीं में 91% मार्क्स लाने वाली पाकिस्तानी विस्थापित मशल माहेश्वरी की मदद के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज खुद आगे आई हैं। जयपुर में रहने वाली पाकिस्तानी हिंदू लड़की मशाल माहेश्वरी को ढांढस बंधाते हुए सुषमा ने मशल को ट्वीट करके भरोसा जताया और लिखा कि, "मशल , परेशान मत हो मेरी बच्ची, मैं मैडिकल कॉलेज में तुम्हारे एडमिशन के मामले को पर्सनली उठाऊंगी"। बता दें कि मशल ने 12वीं साइंस के एग्जाम में 91% मार्क्स हासिल किए हैं लेकिन जब उसने मैडिकल में एडमिशन लेने के लिए फॉर्म भरना चाहा तो उसकी पाकिस्तानी नागरिकता आड़े आ रही है।

मशल के मां-बाप पाकिस्तान के हैदराबाद में डॉक्टर थे। उनकी 3 लाख रुपए महीने की कमाई थी लेकिन एक रोज उन्हें अगवा करने की कोशिश हुई। किसी तरह वे बच निकले और बच्ची के भविष्य के लिए धार्मिक वीजा पर जयपुर आ गए। शुरुआत में कहीं रहने की जगह नहीं मिली। फिर माहेश्वरी समाज से उन्हें मदद मिली। मशल के मां-बाप सामने आने से डर रहे हैं। उन्हें डर है कि उनकी पहचान सामने आने से पाकिस्तान में उनके रिश्तेदारों पर हमले हो सकते हैं।

मशल ने 10वीं तक की पढ़ाई पाकिस्तान में ही की है। एक रिश्तेदार की मदद से मशल का एडमिशन जयपुर के रुक्मणी बिड़ला स्कूल में करवाया। दो साल तक उसने ‘आकाश कोचिंग इंस्टीच्यूट’ से तैयारी की। हालांकि मशाल को नहीं पता था कि भारत में सरकारी मैडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में केवल भारतीय ही पढ़ सकते हैं। मशल के पिता प्राइवेट अस्पताल में काम कर रहे हैं, जहां उन्हें सैलरी कैश में मिलती है, क्योंकि वे यहां बैंक अकाऊंट नहीं खुलवा सकते।

वहीं मशल ने पी.एम. नरेंद्र मोदी और हैल्थ मिनिस्टर जे.पी.नड्डा को चिट्ठी लिख मदद मांगी है। मशल ने बताया कि उसने  पी.एम. की ऑफिशियल वैबसाइट में शिकायत की थी लेकिन आधा-अधूरा जवाब ही आया। दूसरी ओर सीमांत लोक संगठन के हिंदू सिंह सोढ़ा ने बताया कि वह इस मामले को होम मिनिस्टर तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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