पाक अदालत ने रोकी मुंबई हमला मामले की सुनवाई

Thursday, Jan 24, 2019 - 11:35 AM (IST)

इस्लामाबादः आतंकवाद की शऱणस्थली बने पाकिस्तान का घिनौना चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया है। पाक की एक अदालत ने 2008 के मुंबई हमला मामले की सुनवाई अस्थाई रूप से रोक दी । नवंबर 2008 में कराची से नाव के जरिए मुंबई गए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने भारत की आर्थिक राजधानी में सिलसिलेवार हमले किए थे, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।

पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी एक अदालत में लश्कर के 7 सदस्यों के खिलाफ 10 साल से अधिक समय से चल रहे मुकद्दमे में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि पाकिस्तान उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने का दावा करता है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को संघीय जांच एजेंसी की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें आतंकवाद रोधी अदालत में जारी सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने सुनवाई पर एक सप्ताह की रोक लगाई ताकि अभियोजक 19 में से कुछ गवाहों को गवाही देने के लिए सम्मन जारी कर सकें।

सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी के अभियोजक अकरम कुरैशी अदालत में पेश हुए। न्यायमूर्ति कियानी ने कहा कि कई गवाह डर के कारण पेश नहीं हो रहे जबकि कुछ अन्य के ठिकानों का पता ही नहीं चल पाया है। लश्कर के जिन 7 आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है उनमें जकी उर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हम्माद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम शामिल है। इन लोगों पर हत्या के लिए उकसाने, हत्या के प्रयास, मुंबई हमलों के लिए योजना बनाने और उसे अंजाम देने के आरोप 2009 से लगे हैं। लखवी को छोड़कर अन्य 6 आरोपियों को रावलपिंडी में उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में रखा गया है।

Tanuja

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