मानव से भी ज्यादा समझदार होती हैं पेंटेड स्टॉर्क पक्षी

Tuesday, Sep 17, 2019 - 04:59 AM (IST)

नेशनल डेस्क: चिडिय़ाघर का पेंटेड स्टॉर्क पर्यटकों के इस समय आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हल्के सफेद रंग पर गुलाबी व नारंगी रंग उसे और अधिक आकर्षक बना देता है, ऐसा लगता है कि मानो किसी पेंटर ने अपने ब्रश से बड़े करीने से रंग भर दिया हो। लंबी और पतली टांग, नुकीली लंबी चोंच उसे दूसरे पक्षियों से अलग करती है। यह पक्षी मानव से भी ज्यादा समझदार होती हैं क्योंकि यह अपने सुरक्षा के लिए अपने आस-पास की हरियाली बचा कर रखती हैं। 

पेंटड स्टॉर्क अपने घोसलें को बनाने के लिए बाहर के तिनके का इस्तेमाल करते हैं। वो जिस भी पेड़ की शाखा पर बैठते हैं, उसके तिनकों का इस्तेमाल घोसला बनाने के लिए नहीं करते हैं बल्कि अन्य शाखाओं से तिनके बटोर कर अपना घोसला बनाते हैं। यह प्रवासी पक्षी हैं हर साल अगस्त महीने में दिल्ली के चिडिय़ाघर का रूख कर लेती हैं। पशु-पक्षी प्रेमी इन्हें देखने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं। मालूम हो कि दिल्ली के चिडिय़ाघर का उद्घाटन नवंबर 1959 में किया गया था। 

उसके बाद से ही पेंटेड स्टॉर्क के आने का सिलसिला जारी है। यह अगस्त से लेकर मार्च तक दिल्ली के चिडिय़ाघर की शोभा बढ़ाते हैं। अभी तालाब के किनारे दर्जन से ज्यादा पेड़ों पर यह पक्षी ने अपने जोडों के साथ डेरा डाल लिया है। लगभग पांच सौ की तादाद में ये पक्षी प्रजनन के लिए तिनका-तिनका इक्कठा करके कीकर के पेडों पर घोंसले बना चुकें हैं। जल्द ही तालाब पर पेंटेड स्टॉर्क पक्षियों के छोटे-छोटे बच्चे भी नजर आने लगेंगे। एक घोसलें में मादा पेंटेड स्टॉर्क तीन से पांच अंडे देती है। अभी कुछ पेंटेड स्टॉर्क अण्डे दे चुके हैं और अभी कुछ इसके लिए तैयार हो रहे हैं। यह पक्षी 5 से 10 के समूह में कॉलोनी बना कर रहते हैं और आपस में एक-दूसरे की मदद करते हैं। 
 

Pardeep

Advertising