Terror Attack: घाटी फिर हुआ लहुलुहान, आतंकवादियों ने घर में की ताबड़तोड़ फायरिंग, हुई हत्या

punjabkesari.in Sunday, Apr 27, 2025 - 02:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से एक बार फिर दहशत फैलाने वाली खबर सामने आई है। यहां शनिवार देर रात अज्ञात आतंकियों ने एक आम नागरिक गुलाम रसूल मगरे की गोली मारकर हत्या कर दी। जानकारी के मुताबिक, गुलाम रसूल का भाई कुछ साल पहले पाकिस्तान चला गया था और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन से जुड़ गया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हमलावरों ने गुलाम रसूल पर कंडी खास इलाके में हमला किया। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और फिर श्रीनगर शिफ्ट किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है।

गोलीबारी के बाद सुरक्षा बलों ने चलाया तलाशी अभियान

हमले की सूचना मिलते ही संयुक्त सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि हत्या के पीछे का मकसद अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इसे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जोड़कर देख रही हैं क्योंकि मृतक का भाई गुलाम मोहिदीन मगरे इस आतंकी संगठन से जुड़ा है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में रहता है।

आतंकियों के घरों पर टूट पड़ा सुरक्षा बल

पहलगाम हमले के बाद से घाटी में आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसी कड़ी में सुरक्षा बलों ने बीते 24 घंटों में आतंकवादियों के चार और घरों को IED ब्लास्ट से ध्वस्त कर दिया है।

शनिवार शाम से अब तक जिन घरों को उड़ाया गया उनमें शामिल हैं:

  • शोपियां के ज़ैनपोरा में अदनान सफी डार का घर

  • बांदीपोरा में जमील अहमद शीर गोजरी का घर

  • पुलवामा के त्राल में आमिर नजीर वानी का घर

इससे पहले भी इसी सप्ताह नौ आतंकियों के घर विस्फोटक लगाकर ध्वस्त किए जा चुके हैं। सुरक्षा बलों का कहना है कि आतंकियों के ठिकानों को खत्म करना आतंकवाद के खिलाफ बड़ी रणनीति का हिस्सा है।

दो कट्टर ओजीडब्ल्यू को किया गया गिरफ्तार

सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में एक और बड़ी कार्रवाई की है। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में दो कट्टर ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) ताहिर अहमद कुमार और शबीर अहमद गनई को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया है। PSA के तहत बिना किसी आरोप या मुकदमे के एक से दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। पुलिस के मुताबिक, दोनों गिरफ्तार युवक लंबे समय से आतंकवादियों को रसद, आश्रय और अन्य तरह की मदद मुहैया करा रहे थे। पुलिस का कहना है कि इनकी गिरफ्तारी इलाके में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को कमजोर करने के लिए बेहद जरूरी थी। हिरासत में लिए गए OGWs पर स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल करने के लिए उकसाने का भी आरोप है।

लगातार हो रही है कड़ी कार्रवाई

पहलगाम हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबल घाटी में आतंकियों के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं। आतंकियों के घरों को उड़ाने, OGWs को गिरफ्तार करने और तलाशी अभियानों को तेज करने जैसे कदमों से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि आतंकवाद और उसके समर्थकों के लिए अब कोई जगह नहीं बची है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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