विकास कार्यों के लिए केंद्र ने खोला खजाना, J&K के लिए 80,000 करोड़ रुपए का पैकेज मंजूर
Thursday, Jan 23, 2020 - 08:36 AM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए खजाना खोलते हुए उसके विकास के लिए 80,000 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी एच.आर.डी. मंत्रालय ने दी। केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त महीने में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटा दिया था।
370 के खंड ए को छोड़कर बाकी सभी खंडों को हटाने का ऐलान किया गया था। इसके साथ ही, सीमा से लगे इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में तबदील कर दिया गया था। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर 6,000 करोड़ रुपए की ‘अटल जल मिशन योजना’ को भी मंजूरी दी। ‘अटल टनल’ के लिए भी 4,000 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। वहीं स्वदेश पर्यटन योजना के लिए मंत्रिमंडल ने 1,854 करोड़ रुपए की योजना को मंजूर किया है।
दमन होगी दादरा-नागर हवेली और दमन-दीव की राजधानी
केंद्र शासित प्रदेश ‘दमन एवं दीव तथा दादर एवं नागर हवेली’ की नई राजधानी दमन होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का एकीकरण गत वर्ष दिसम्बर में किया गया था। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवाकर, मूल्य वर्द्धित कर तथा राज्य उत्पाद शुल्क के अधिनियमों में तदानुसार बदलावों को भी मंजूरी प्रदान की है।
अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का कार्यकाल बढ़ा
सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के वर्गीकरण के लिए गठित आयोग का कार्यकाल जुलाई महीने तक बढ़ा दिया है और अब उसे 31 जुलाई, 2020 तक अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपनी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को छह महीने कार्य विस्तार देते हुए उसका कार्यकाल इस साल 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। आयोग का कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो रहा था।
NIT स्थायी परिसरों के लिए 4371 करोड़ मंजूर
देश के छह नए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एन.आई.टी.) के स्थायी परिसरों के निर्माण के लिए मंत्रिमंडल ने बुधवार को 4371 करोड़ रुपए की मंजूरी दी। अरुणाचल, नागालैंड, पुड्डुचेरी, मिजोरम, मेघालय, दिल्ली आदि में इन संस्थानों के स्थायी परिसर खोले जा रहे हैं। पहले हर एन.आई.टी. के लिए 250-250 करोड़ यानी कुल 1500 करोड़ रुपए का बजट था जिसे बढ़ाकर अब 4371 करोड़ रुपए कर दिया गया है।