बाबरी मस्जिद ढहाने में राजीव गांधी और नरसिम्हा राव का हाथ: ओवैसी

Wednesday, Jul 29, 2020 - 02:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने से नाराज होने के बाद अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। अब उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस में कांग्रेस के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की भूमिका होने का आरोप लगाया है। 

दरअसल एक ट्वीट में कांग्रेस के कुछ नेताओं के हवाले से लिखा गया कि राम मंदिर भूमि पूजन समारोह भाजपा-आरएसएस का कार्यक्रम है जिसमें शामिल होने का न्योता कांग्रेस के किसी नेता को नहीं दिया गया है। ओवैसी ने इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि हमें उन्हें श्रेय दिया जाना चाहिए जो इसके असली हकदार हैं। आखिरकार राजीव गांधी ने ही तो बाबरी मस्जिद के ताले फिर से खुलवाए थे और बतौर प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने अपनी देखरेख में इसे गिरवाया था। मस्जिद ध्वस्त करने के आंदोलन में कांग्रेस भीतर-भीतर संघ परिवार से मिली हुई थी। 

वहीं इससे पहले ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच अगस्त को अयोध्या में राममंदिर भूमिपूजन में शामिल होने के लिए वहां जाने को लेकर सवाल उठाते हुए इसे संवैधानिक शपथ का उल्लंघन बताया था।उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री का आधिकारिक रूप में भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होना उनके संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा। धर्मनिरपेक्षता संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। हम इस बात को नहीं भूल सकते हैं कि बाबरी मस्जिद 400 वर्षों तक अयोध्या में खड़ी थी और 1992 में इसे एक आपराधिक भीड़ ने ढहा दिया था।

वहीं इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए। वह निश्चित तौर पर व्यक्तिगत रूप में इस समारोह में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री को भी धार्मिक स्वतंत्रता है। प्रत्येक भारतीय नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता है। लेकिन मैं प्रधानमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या भारत सरकार का कोई धर्म है? नहीं, क्योंकि संविधान स्पष्ट रूप से कहता है कि धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल अवसंरचना का एक हिस्सा है।
 

vasudha

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