तीन तलाक बिल पर वोटिंग, ओवैसी के 4 संशोधन प्रस्ताव गिरे

Thursday, Dec 27, 2018 - 07:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तीन तलाक बिल वीरवार को लोकसभा में पास हो गया है। तीन तलाक पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोक सभा में पेश किया था। सदन में चर्चा के बाद इस विधेयक पर वोटिंग शुरू हुई जिसमें ओवैसी द्वारा लाया गया संशोधन प्रस्ताव गिर गया।


वहीं बहस के दौरान कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का सदन से वॉक आउट किया। तीन तलाक को लेकर लोकसभा में जारी चर्चा पर एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं से कोई सहानुभूति नहीं रखती, बल्कि वह कुछ लोगों को निशाना बना रहे हैं।


ओवैसी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल में दी एक व्यवस्था में एक मर्द के कई औरतों के साथ संबंध रखने को कानून के दायरे से बाहर रखा लेकिन तीन तलाक के मुद्दे पर शख्स को तीन साल की सजा का प्रावधान सरकार लेकर आ रहीा है। ऐसा क्यों कि तलाक पर हिंदू को एक साल की सजा और मुसलमान को 3 साल की सजा रखने का प्रस्ताव है।
  

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पहले लोकसभा में पारित हो गया था लेकिन राज्यसभा में यह पारित नहीं हो सका। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय ने शायरा बानो बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले तथा अन्य संबद्ध मामलों में 22 अगस्त 2017 को 3:2 के बहुमत से तलाक ए बिद्दत :एक साथ और एक समय तलाक की तीन घोषणाएं: की प्रथा को समाप्त कर दिया था जिसे कतिपय मुस्लिम पतियों द्वारा अपनी पत्नियों से विवाह विच्छेद के लिये अपनाया जा रहा था। इसमें कहा गया कि इस निर्णय से कुछ मुस्लिम पुरूषों द्वारा विवाह विच्छेद की पीढिय़ों से चली आ रही स्वेच्छाचारी पद्धति से भारतीय मुस्लिम महिलाओं को स्वतंत्र करने में बढ़ावा मिला है।
 

vasudha

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