चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्र फंसे मुसीबत में, स्वदेश आने पर लगी रोक

Tuesday, Mar 23, 2021 - 10:56 AM (IST)

बीजिंग: कोरोना वायरस के चलते चीनी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय समेत अन्य देशों के छात्रों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। कोरोना वायरस के फैलने के बाद चीनी विश्वविद्यालयों में दाखिला ले चुके छात्रों को  चीन अब उन्हें वापस आने की अनुमति नहीं दे रहा है। बीजिंग ने सुझाव दिया है कि भारतीय छात्र चीन में अपने विश्वविद्यालयों के साथ संपर्क में रहें और उनके निर्देशों का पालन करते हुए वे अपनी ऑनलाइन पढ़ाई को जारी रखें।

इस संबंध में  भारतीय दूतावास ने  सोमवार को कहा कि वह उन हजारों भारतीय छात्रों की चिंताओं को लेकर चीनी अधिकारियों के साथ संपर्क में है, जो बीजिंग द्वारा लगाए गए कोविड-19 प्रतिबंधों की वजह से अपने वतन में फंस गए हैं और चीन में स्थित विश्वविद्यालयों में वापस नहीं आ पा रहे हैं। चीन में 4.40 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र हैं। इनमें 23,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं जिनमें से अधिकतर भारी शुल्क देकर चीन के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। कोविड-19 पाबंदियों का हवाला देकर चीन छात्रों को सलाह दे रहा है कि वे अपने देश से ही ऑनलाइन कक्षा लेना जारी रखें।

बहरहाल, छात्रों का कहना है कि उनमें से अधिकतर विज्ञान के विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, लिहाज़ा, उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए प्रयोगशाला की जरूरत है। उन्होंने यह भी शिकायत की है कि उनकी छात्रवृत्ति को निलंबित कर दिया गया है। एक प्रेस विज्ञप्ति में, बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि दूतावास चीन के शिक्षा मंत्रालय समेत चीनी अधिकारियों के साथ भारतीय छात्रों की चिंताओं को लेकर करीब से संपर्क में है, खासकर इस देश के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में उनकी जल्दी वापसी के विषय पर। विज्ञप्ति के मुताबिक, दूतावास दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही के मुद्दे पर प्रगति के लिए चीनी अधिकारियों से संवाद करना जारी रखेगा।

उसमें रेखांकित किया गया है कि चीनी अधिकारियों ने बताया कि वे छात्रों की चिंताओं से अवगत हैं और सभी संबंधित चीनी विश्वविद्यालयों को छात्रों के साथ निकट संपर्क बनाए रखने और उन्हें सूचित करते रहने के लिए कहा गया है और ऑनलाइन कक्षाओं को जारी रखने को भी कहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है, “चीनी अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि भारतीय छात्र अपने विश्वविद्यालयों के संपर्क में रहें और विश्वविद्यालयों के सुझावों और मार्गदर्शन के अनुसार अपनी पढ़ाई करें।”

 

Tanuja

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