ओरछा की ऐतिहासिक धरोहर बनेंगी अब विश्व धरोहर

Monday, May 27, 2019 - 10:16 AM (IST)

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नई दिल्ली (प.स.): मध्य प्रदेश में स्थित बुंदेला राजवंश के वास्तुशिल्प को प्रदर्शित करने वाली ‘ओरछा की ऐतिहासिक धरोहरों’ को संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को की धरोहरों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी ने बताया कि ओरछा स्थित इन प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहरों को चिन्हित कर इनके ऐतिहासिक तथ्यों के विवरण के साथ यूनेस्को को 15 अप्रैल 2019 को प्रस्ताव भेजा था।

किसी ऐतिहासिक विरासत या स्थल का, विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जगह पाने से पहले अस्थायी सूची में शामिल होना जरूरी है। अस्थायी सूची में शामिल होने के बाद अब नियमानुसार विभिन्न प्रक्रियाएं पूरी कर एक मुख्य प्रस्ताव यूनेस्को को भेजा जाएगा। इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्रस्ताव में ओरछा की ऐतिहासिक धरोहरों को सांस्कृतिक धरोहर के वर्ग में शामिल किए जाने का आग्रह किया गया था। 

ओरछा म.प्र. के टीकमगढ़ जिले से 80 कि.मी. और उ.प्र. के झांसी से 15 कि.मी. दूर बेतवा नदी के तट पर स्थित है। कहा जाता है कि ओरछा की स्थापना 16वीं सदी के बुंदेला राजा रूद्र प्रताप सिंह ने की थी। ओरछा अपने राज महल या रामराजा मंदिर, शीश महल, जहांगीर महल, राम मंदिर, उद्यान और मंडप आदि के लिए प्रसिद्ध है। 

Niyati Bhandari

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