Operation Sindoor: आतंकवाद के खिलाफ भारत की जंग में इंडियन ऑयल बना सहारा, 4 गुना फ्यूल डिमांड चुटकियों में की पूरी
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 09:41 AM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए महत्वपूर्ण ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ी है. इस ऑपरेशन के ज़रिए भारतीय सेना ने आतंकवाद की कमर तोड़ने का काम किया और इस दौरान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने भी भारतीय सेना का भरपूर सहयोग किया. दरअसल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन ऑयल ने भारतीय सेना को 4 गुना ज़्यादा फ्यूल सप्लाई किया था. इस बात की जानकारी खुद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चीफ टर्मिनल मैनेजर राकेश कुमार ने दी है.
रक्षा क्षेत्र की मांग 4 गुना बढ़ी, IOC ने बिना रुकावट की आपूर्ति
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चीफ टर्मिनल मैनेजर राकेश कुमार ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान डिफेंस सेक्टर की फ्यूल मांग 4 गुना बढ़ गई थी. उस कठिन समय में इंडियन ऑयल इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार था. इंडियन ऑयल ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना को बिना किसी परेशानी के फ्यूल की आपूर्ति सुनिश्चित की.
इतना ही नहीं भारतीय नौसेना की मांग पर इंडियन ऑयल ने केवल 3 दिन के नोटिस पर पारादीप और हल्दिया रिफाइनरियों में अपने जहाज़ तैनात किए और समय रहते सेना की ज़रूरतें पूरी कीं. यह इंडियन ऑयल की रणनीतिक तैयारी और परिचालन दक्षता का बड़ा सबूत है.
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सुरक्षा एजेंसियों के साथ IOC का बेहतरीन तालमेल
अधिकारी राकेश कुमार ने रक्षा और सुरक्षा एजेंसियों के साथ IOC के तालमेल पर बात करते हुए कहा कि, रक्षा के साथ हमारा बहुत अच्छा और हाई लेवल वाला कोऑर्डिनेशन है. उन्होंने बताया कि चूंकि वे उनसे प्रोडक्ट ले रहे हैं इसलिए उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें लगातार बातचीत करनी होती है. इंडियन ऑयल की सुरक्षा एजेंसियों के साथ हर हफ़्ते बातचीत होती है. इसके अलावा इंडियन ऑयल उनके आपूर्ति विभाग के साथ भी नियमित रूप से मीटिंग करता है जिससे आपूर्ति श्रृंखला सुचारु बनी रहती है.
इंडियन ऑयल के स्मार्ट टर्मिनल की क्षमता और उत्पाद
चीफ टर्मिनल मैनेजर ने इंडियन ऑयल के स्मार्ट टर्मिनल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यहाँ उनकी क्षमता 27,000 किलोलीटर है. इंडियन ऑयल मुख्य रूप से 4 प्रोडक्ट का कारोबार करता है जिनमें पेट्रोल, डीज़ल, HSD (हाई स्पीड डीज़ल) और कम सल्फर वाले HFHSD (हाई फ्लैश हाई स्पीड डीज़ल) शामिल हैं.
उन्होंने आगे बताया कि उनके पास एक आपातकालीन प्रोटोकॉल है और साथ ही पर्याप्त टैंक क्षमता भी है. आमतौर पर उनके सभी प्रोडक्ट के लिए 25 दिनों का कवरेज होता है जो किसी भी आपात स्थिति में आपूर्ति सुनिश्चित करता है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इंडियन ऑयल का यह सहयोग आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के योगदान को दर्शाता है.