''''आपरेशन जिन्ना: लश्कर के खिलाफ खुफिया मिशन पर 4 फौजी''''

Sunday, Oct 02, 2016 - 01:53 PM (IST)

नई दिल्ली: ऑपरेशन जिन्ना नाम से खुफिया मिशन के बारे में सुना है आपने। यह एक ऐसी सैन्य कार्रवाई है जो मैदान में भले ही नहीं की गई हो लेकिन इसका प्लॉट भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक से बहुत मेल खाता है। यह भी महज इत्तेफाक ही है कि ऑपरेशन जिन्ना नाम से लिखी गई इस पुस्तक के अंश लगभग उसी दिन जारी हुए जब भारतीय सेना की विशेष कार्रवाई करने वाली टुकड़ियां नियंत्रण रेखा को पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर रही थीं।

रक्षा संवाददाता शिव अरूर की यह पुस्तक मुंबई हमले के बाद की परिस्थितियों, भारत और पाकिस्तान के जनमानस में चल रही उथल-पुथल और सैन्य प्रतिष्ठान की सोच का सटीक बयान करती है। अरूर का कहना है कि पुस्तक के अंशों से मिलने वाली राशि ‘इंडिया स्ट्राइक्स पाक’ में शामिल कमांडो के लिए बनाए फंड में दी जाएगी। ऑपरेशन जिन्ना के तहत भारतीय नौसेना के चार अफसरों को लाहौर के निकट लश्कर के मुरदिके स्थित ठिकाने पर खुफिया कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। पुस्तक का पहला अध्याय आक्रमक है और इसकी कहानी बेदह सैन्य अंदाज में आगे बढती है। इसमें हमले के बाद दोनों देशों में उत्पन्न जमीनी राजनीतिक हालातों का वास्तविकता से मिलता जुलता उल्लेख किया गया है। एक जगह पर कहा गया है कि किसी भी बडे आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी गुटों के मुखिया तुरंत अपने ठिकाने बदल लेते हैं जो उनके अपराध बोध का संकेत है।

पुस्तक कुछ जगहों पर सैन्य तकनीकी जटिलताओं में फंसती दिखती है तो कुछ जगहों पर ऐसे हथियारों और प्रणालियों का जिक्र किया गया है जिसे समझना आम पाठक के लिए कठिन हो सकता है।

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