‘ऑपरेशन ऑल आउट-2’ का आगाज, अब अंजाम के करीब
punjabkesari.in Monday, Apr 02, 2018 - 04:53 PM (IST)

श्रीनगर : भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ इन दिनों फुल एक्शन में है। आलम ये है कि आतंकी किसी तरह घुसपैठ करके तो भारतीय सीमा में दाखिल तो हो जा रहे हैं, लेकिन अपने नापाक मंसूबों को कामयाब होने से पहले सेना उन्हें ढेर कर देती है। दक्षिण कश्मीर में हुई तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों को रविवार को बड़ी सफलता मिली। सुरक्षाबलों ने ऑपेरशन ऑल आउट में 13 आतंकियों को मार गिराया है, जबकि एक ने सरेंडर कर दिया। इस दौरान सुरक्षाबलों को स्थानीय नागरिकों का विरोध भी झेलना पड़ा।
दरअसल जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट ने रफ्तार पकड़ ली है। 11 महीने में 200 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। अब इस जिंदा आतंकी की गिरफ्तारी से सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ा हुआ है। उधर आतंकियों में भगदड़ मची हुई है। जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों की ओर से चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ में साल 2017 में 203 आतंकवादियों को ढेर किया जा चुका है। बीते 3 साल में आतंकवादियों के मारे जाने का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है।
यह है अब तक का आंकड़ा
जानकारी के मुताबिक जम्मू और कश्मीर में 10 दिसंबर 2017 तक ही 203 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। वहीं पिछले साल 2016 में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ों में 148 आतंकवादी ढेर हुए थे। 2015 में 108 आतंकवादी मारे गए थे। यही नहीं, कश्मीर में ऑपरेशन ऑल-आउट के तहत सेना कई आतंकी कमांडरों को ढेर को भी मार गिराया है। सरकार ने भी साफ कर दिया घाटी में लश्कर कमांडर बनने वाला हर आतंकी मारा जाएगा।
गली मोहल्ले में भी दिख रहा है ऑपरेशन ऑल आउट का असर
ऑपरेशन ऑल आउट का असर सिर्फ आतंकी संगठनों के भीतर ही नहीं, कश्मीर के गली-मोहल्लों में दिख रहा है। मुठभेड़ के समय आतंकियों को बचाने के लिए घरों से बाहर निकलने वाली हिंसक भीड़ में लगातार कमी देखी जा रही है। आतंकियों के मददगारों में खौफ फैल गया है। माना जा रहा है कि ऑपरेशन ऑल ऑउट कामयाब रहेगा, और घाटी में आतंकियों और उसके नेटवर्क की कमर टूट जाएगी।
2016 में मारा था बुरहान वानी
गौरतलब है कि 8 जुलाई 2016 को सुरक्षाबलों ने घाटी में आतंक के ‘पोस्टर बॉय’ हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को एक मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके बाद घाटी में कई महीने तक हिंसक घटनाएं होती रहीं और गतिरोध की स्थिति बनी रही। बुरहान वानी को मार गिराने के बाद घाटी में कई महीने तक हिंसक घटनाएं होती रहीं और गतिरोध की स्थिति बनी रही। खराब होते हालात के बीच सुरक्षाबलों ने आतंकियों के सफाये के लिए ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में सक्रिय कई बड़े आतंकियों को ढेर किया है।
डीजीपी ने जवानों को दिया श्रेय
जम्मू और कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस. पी. वैद कहा कहना है कि ऑपरेशन ऑल आउट का श्रेय जवानों और सुरक्षा बलों के अधिकारियों को जाता है जिन्होंने अभियान के दौरान कड़ी मेहनत की खासतौर पर जिन्होंने अपना जीवन कुर्बान किया। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2018 कम चुनौतीपूर्ण रहेगा क्योंकि घाटी में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद ने शनिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि आंतकवादियों को खदेडऩे के लिए सुरक्षा बलों का अभियान ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ तब तक जारी रहेगा जब तक राज्य में पूरी तरह से शांति नहीं आ जाती।
सेना प्रमुख ने सराहा अभियान
आर्मी प्रमुख बिपिन रावत ने भी आतंक के खिलाफ सेना के अभियान को सराहा है। रावत का कहना है कि जल्द ही घाटी को आतंक से मुक्त करा लिया जाएगा, और लोग शांति से रह सकेंगे।