आरटीआई में खुली माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पोल

Wednesday, Jul 05, 2017 - 06:28 PM (IST)

नई टिहरी: पहले तो शिक्षक की गलती फिर बोर्ड की गलती ने एक मेधावी छात्र का मनोबल गिराया है। नई टिहरी के सरस्वती विद्या मंदिर में इंटर कॉलेज में पडऩे वाला 12वीं के छात्र अजीत गुसाईं का इन्टर में उत्तराखण्ड में मैरिट लिस्ट टॉप आने के बजाय 19वीं रैंक हासिल हुई।

दरअसल नई टिहरी के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में पढऩे वाले छात्र अजित गुसाईं को मैरिट लिस्ट में टॉप आने से अंग्रेजी के विषय की कॉफी चैक करने वाले शिक्षक की कलम ने रोक दिया। यह खुलासा सूचना के अधिकार में हुआ है। सूचना के अधिकार में हुए खुलासे में अंग्रेजी में सभी प्रश्न के सही उत्तर पाए गए हैं, जबकि उसमें बिना कुछ गलती के कम अंक दिए गए है। 

इतना ही नही बोर्ड ने सूचना के अधिकार में मांगी गई उत्तर पुस्तिका की आधी-अधूरी सूचना देकर एक पृष्ठ गायब कर दिया गया है। जिसको लेकर छात्र के पिता ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि अजित गुसाईं की उत्तर पुस्तिका को फिर से जांच करवाई जाय। शिक्षा विभाग जल्द कोई कार्यवाही नही करेगा तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।

विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य की माने तो उन्होने कहा कि अजित गुसाईं ने हाई स्कूल में उत्तराखण्ड में तीसरा स्थान हासिल किया था। और 12वी में अजित गुसाईं को  अत्तराखण्ड बोर्ड में पहला स्थान आने की उम्मीद थी और हुआ भी एैसा ही हिन्दी में 94, गणित में 100,भौतिक विज्ञान में 98, रसायन विज्ञान मे और अंग्रेजी विषय में ऐसे अंक मिले की जिसकी उम्मीद से बाहर 62 नम्बर मिले। जिसको लेकर स्कूल प्रशासन को खेद है ही लेकिन अजित गुसाई और उसके परिवार को भी निराश हुए। जिसका खुलासा आरटीआई में हुआ है।

इससे आप खुद ही अन्दाजा लगा सकते हैं कि शिक्षकों और बोर्ड की बड़ी लापरवाही से छात्र पर कितनी भारी पड़ सकता है। छात्र के मैरिट लिस्ट में टॉप करने से रोका ही वहीं छात्र के मनोबल भी डाउन हुआ है। देखने वाली बात है कि आरट आई के हुये खुलासे में सरकार और शिक्षा विभाग कोई कार्यवाही करने में कितनी संजदिगी दिखाता है।

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