''अलोकतांत्रिक और आधारहीन बहिष्कार...'', संसद उद्धाटन विवाद पर पूर्व नौकरशाहों का खुला खत, विपक्ष पर साधा निशाना

Friday, May 26, 2023 - 10:59 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पूर्व नौकरशाहों, राजदूतों और अन्य गणमान्य नागरिकों सहित 270 प्रतिष्ठित नागरिकों के एक समूह ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के लिए शुक्रवार को विपक्ष की निंदा की। नागरिकों के इस समूह ने दावा किया कि ''परिवार पहले'' की नीति अपनाने वाली पार्टियां भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली संसद का बहिष्कार करने के लिए एक साथ आई हैं।

प्रतिष्ठित नागरिकों के इस समूह ने एक बयान जारी कर कहा कि हालांकि यह सभी भारतीयों के लिए एक गर्व का अवसर है, लेकिन विपक्षी दलों द्वारा बेबुनियाद तर्कों, अपरिपक्व रवैये, सनकी और खोखले दावों और सबसे बढ़कर गैर-लोकतांत्रिक हाव-भाव का खुला प्रदर्शन समझ से परे है।

नागरिकों के इस समूह ने कहा भारत के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जिन्होंने एक अरब भारतीयों को अपनी प्रामाणिकता, समावेशी नीतियों, रणनीतिक दृष्टि देने की प्रतिबद्धता के साथ प्रेरित किया है और सबसे बढ़कर, उनकी भारतीयता 'कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए अप्रिय' है। नागरिकों के इस समूह की ओर से जारी बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में 88 सेवानिवृत्त नौकरशाह, 100 प्रतिष्ठित नागरिक और 82 शिक्षाविद शामिल हैं।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के पूर्व निदेशक वाई सी मोदी, पूर्व आईएएस अधिकारी आर डी कपूर, गोपाल कृष्ण और समीरेंद्र चटर्जी के अलावा लिंगया विश्वविद्यालय के कुलपति अनिल रॉय दुबे उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने यह संयुक्त बयान जारी किया है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हाल में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और उन्हें नये संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया था। मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। मोदी ने 2020 में इस भवन का शिलान्यास भी किया था और ज्यादातर विपक्षी दल उस समय इस कार्यक्रम से दूर रहे थे।

Yaspal

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