SC के जज जस्टिस कौल बोले- खुली जेलें पतंग की तरह, जहां कैदी डोर में बंधकर आजादी से रह सकते हैं

Saturday, Jan 28, 2023 - 11:49 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने शनिवार को कहा कि खुली जेलें पतंग की तरह होती हैं, जहां कैदी डोर में बंध कर आजादी से रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि खुली जेल में रहने वाले कैदियों को रहने की व्यवस्था दी जाती है जिसमें कुछ अंकुश भी होते हैं और जो नियम का पालन नहीं करते उन्हें नियमित जेलों में भेज दिया जाता है। न्यायमूर्ति कौल, जो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, यहां एक गैर-लाभकारी संगठन ‘प्रिजन ऐड एक्शन रिसर्च' (पीएएआर) द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'पतंग' में भाग लेने के लिए आए थे। उन्होंने जेल अधिकारियों को खुली जेलों में रहने की बेहतर व्यवस्था के लिए पक्की छत के अलावा वहां ऐसे और घर बनाने के उपाय भी सुझाए ताकि राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी कैदी परिवार के साथ बेहतर जीवन जी सकें।

जस्टिस कौल ने कहा, ‘‘खुली जेलें पतंग की तरह होती हैं, जहां आप कुछ बंधी डोरियों के साथ उड़ सकते हैं। यह एक ऐसी व्यवस्था है, जहां आप स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं, लेकिन कुछ अंकुशों के साथ।'' राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल ने कहा कि हर राज्य में खुली जेल के लिए नियम-कायदे अलग-अलग हैं और समान नियम बनाए जाने के लिए चर्चा की जानी चाहिए।

जस्टिस मित्थल ने कहा, ‘‘खुली जेलों के लिए नियमों और विनियमों पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए और उनके लिए समान नियम व कानून होने चाहिए।" उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को पहले खुली जेलों में भेजा जाना चाहिए न कि सभी तरह के कैदियों को। उन्होंने कहा कि जो पहली बार अपराध करने वाले हैं और जिनमें अपराध करने की प्रवृत्ति नहीं है, उन्हें खुली जेल में भेजा जाना चाहिए। इस मौके पर न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर, न्यायमूर्ति एम.एम. श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति रविंद्र भट्ट, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने भी विचार व्यक्त किए।

Yaspal

Advertising