भारत ने कहा- डॉलर के खिलाफ नहीं, ब्रिक्स करेंसी पर भी स्थिति स्पष्ट की

punjabkesari.in Sunday, Dec 08, 2024 - 11:19 AM (IST)

International Desk:  डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि जो देश डॉलर को कमजोर करने की कोशिश करेंगे, उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने ब्रिक्स देशों से यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि वे कोई नई करेंसी न बनाएंगे और न ही ऐसी करेंसी का समर्थन करेंगे जो डॉलर को रिप्लेस कर सके। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत का डॉलर को कमजोर करने का कोई इरादा नहीं है।

 

कतर में आयोजित दोहा फोरम के एक पैनल डिस्कशन में  एस. जयशंकर ने दो टूक कहा कि भारत डॉलर को चुनौती देने की किसी साजिश में शामिल नहीं है। ब्रिक्स करेंसी का मुद्दा फिलहाल एजेंडा पर नहीं है, और इस पर कोई सर्वसम्मति भी नहीं बनी है। "भारत कभी भी डी-डॉलराइजेशन (डॉलर पर निर्भरता कम करने) में शामिल नहीं रहा है। फिलहाल ब्रिक्स करेंसी लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।" जयशंकर ने यह भी कहा कि ब्रिक्स में शामिल सभी देशों का इस मुद्दे पर एक जैसा रुख नहीं है। उन्होंने संकेत दिया कि हर देश की अपनी अलग राय हो सकती है।

 

डोनाल्ड ट्रंप, जो जनवरी 2025 में दोबारा राष्ट्रपति पद संभाल सकते हैं, ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा था कि "ब्रिक्स देशों को यह स्पष्ट करना होगा कि वे कोई नई करेंसी नहीं बनाएंगे और ऐसी किसी भी करेंसी का समर्थन नहीं करेंगे जो ताकतवर अमेरिकी डॉलर को चुनौती दे। ऐसा न करने पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा।"उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो देश डॉलर को कमजोर करने का प्रयास करेंगे, उन्हें अमेरिकी बाजार से बाहर होना पड़ेगा।
 
 
डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती का आधार डॉलर है, और इसे कमजोर करने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उनका यह रुख बताता है कि उनकी आगामी विदेश और आर्थिक नीति काफी आक्रामक हो सकती है। भारत के बयान से यह स्पष्ट है कि वह किसी विवाद में पड़ने के बजाय स्थिरता और संतुलन बनाए रखना चाहता है।


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Content Writer

Tanuja

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