स्वतंत्रता दिवस पर सोनिया ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा- बोलने, लिखने की आजादी नहीं

Saturday, Aug 15, 2020 - 07:32 PM (IST)

नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र के लिए परीक्षा की घड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। सरकार संविधान मूल्यों के खिलाफ है। क्या देश में बोलने, लिखने की आजादी है। क्या हमें विचार से सहमत, असहमत होने की आजादी है। इससे पूर्व सोनिया गांधी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।

सोनिया ने स्वतंत्रता दिवस पर जारी शुभकामना संदेश में कहा, ‘सभी को 74वें स्वाधीनता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। भारतवर्ष की ख्याति विश्व भर में न सिर्फ प्रजातांत्रिक मूल्यों और विभिन्न भाषा, धर्म, संप्रदाय के बहुलतावाद की वजह से है, अपितु भारत प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना एकजुटता के साथ करने के लिए भी जाना जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘आज जब समूचा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, तब भारत को एकजुट होकर इस महामारी को परास्त करने के प्रतिमान स्थापित करने होंगे और मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकती हूं कि हम सब मिलकर इस महामारी व गंभीर आर्थिक संकट की दशा से बाहर आ जाएंगे।’

भारतीय लोकतंत्र के लिए ये परीक्षा की घड़ी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने आजादी के बाद अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों को समय समय पर परीक्षा की कसौटी पर परखा है और उसे निरन्तर परिपक्व किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संवैधानिक मूल्यों व स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है। भारतीय लोकतंत्र के लिए भी ये परीक्षा की घड़ी है। सोनिया ने पूर्वी लद्दाख में कुछ सप्ताह पहले शहीद हुए जवानों को याद करते हुए कहा कि आज कर्नल संतोष बाबू समेत हमारे 20 जवानों की गलवां घाटी में वीरगति को भी 60 दिन बीत चुके हैं।

मैं उनको भी याद कर उनकी वीरता को नमन करती हूं व सरकार से आग्रह करती हूं की उनकी वीरता का स्मरण करे व उचित सम्मान दें। उन्होंने कहा कि भारत मां की सरजमी की रक्षा व चीनी घुसपैठ को विफल करना इन शहीदों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। सोनिया ने इस बात पर जोर दिया, आज हर देशवासी को अंतरात्मा में झांक कर यह सोचने की आवश्यकता है कि आजादी के क्या मायने हैं? क्या आज देश में लिखने, बोलने, सवाल पूछने, असहमत होने, विचार रखने, जवाबदेही मांगने की आजादी है? उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते ये हमारा उत्तरदायित्व है कि हम भारत की प्रजातांत्रिक स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखने का हरसंभव प्रयत्न व संघर्ष करें।

 

Yaspal

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