एनजीटी फैसले पर उमर का बयान, समझ में नहीं आ रहा है कि नारों से पर्यावरण क्षति कैसे

Saturday, Dec 16, 2017 - 04:04 PM (IST)

जम्मू: अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शनों के दौरान नारे लगाने पर एनजीटी की रोक को लेकर जम्मू कश्मीर में अब राजनीति गर्मा गई है। एनजीटी अपने फैसले को लेकर संशोधन कर चुकी है पर हिन्दू संगठनों की नाराजगी कम नहीं हो रही है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी इसमें शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि जयकारे लगाने से पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंचेगा।


इससे पहले नैकां के प्रांतीय प्रधान देवेन्द्र सिंह राणा ने भी यही बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप को बर्दाशत नहीं किया जाएगा। जम्मू कश्मीर में एनजीटी के फैसले को लेकर आन्दोलन सा हिड़ गया है। पार्टियां इसे आस्था पर चोट करार दे रही हैं और कह रही हैं कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि फैसला मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से शिवलिंग को बचाना ठीक है पर यह फैसला गलत है। उन्होंने कहा कि कौन सा अध्ययन है कि जयकारे से पर्यावरण पर असर पड़ सकता है।
 

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