भूमि कानून को लेकर फिर बरसे उमर अब्दुल्ला, बोले- हमें अपनी जमीन की रक्षा करने का अधिकार क्यों नही?

Friday, Oct 30, 2020 - 11:19 AM (IST)

नेशनल डेस्क: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि देश में खासकर पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में जमीन के मालिकाना हक से संबंधित विशेष कानून हैं, जहां दूसरे राज्यों के लोग जमीन नहीं खरीद सकते। उन्होंने सवाल किया कि जम्मू कश्मीर में इस तरह का कानून क्यों नहीं हो सकता। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नगालैंड जैसे कई राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में भारतीय आज भी जमीन खरीद नहीं सकते।

 

केंद्र सरकार पर लगाया आरोप 
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने सवाल किया कि जब हम इन कानूनों की बात करते हैं तो हम राष्ट्रविरोधी हो जाते हैं। जब दूसरे राज्यों से (विशेष प्रावधानों के लिए) ऐसी आवाज उठती हैं तो मीडिया में क्यों चर्चा नहीं होती?  उन्होंने कहा कि ‘लड़ाई' हमारी पहचान और ‘हमारे भविष्य' की रक्षा की है। अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के दलों को हाशिए पर धकेलने का प्रयास कर रही है। 


हम अपनी पहचान के लिए लड़ रहे हैं: उमर 
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी भूमि और पहचान की रक्षा की लड़ाई में सभी दलों से साथ आने की अपील की। उन्होंने कहा कि दिल्लीवाले (केंद्र) क्या चाहते हैं? क्या वे हमें मुख्याधारा से हटाना चाहते हैं। हम अपनी पहचान और जमीन की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों को उम्मीद थी कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होगा लेकिन आज हम अपनी पहचान के लिए लड़ रहे हैं।'' केंद्र ने कई कानूनों में संशोधन के जरिए देशभर के लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने के मार्ग को मंगलवार को प्रशस्त कर दिया। 

 

मोदी की नई नीति ने सात दशक पुराने भूमि सुधार को पलटा
इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा कि प्रदेश के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की नई भूमि नीति ने सात दशक पुराने भूमि सुधार को पलट दिया है। केंद्र सरकार ने 1950 के शुरुआती दशत में ऐतिहासिक भूमि सुधार कानून बनाया था, जिसमें प्रदेश को सशक्त बनाने तथा गरीबी को कम करने का काम किया था। उन्होंने कहा कि दिलचस्प है कि केंद्र ने लद्दाख में होने वाले निकाय चुनावों तक इंतजार किया और भाजपा ने लद्दाख को बिक्री के लिए खड़ा करने से पहले बहुमत हासिल कर किया। लद्दाख के निवासियों को भाजपा के आश्वासनों पर विश्वास करने का फल मिला है।

vasudha

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