ऑफ द रिकॉर्डः ...जब विजयवर्गीय पर भड़के मोदी

Wednesday, Mar 27, 2019 - 08:07 AM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो अपनी पार्टी के नेताओं को कठोर संदेश देने से गुरेज नहीं करते हैं चाहे वह किसी को अच्छा लगे या बुरा। पिछले हफ्ते आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन हेतु मोदी से कई नेता मिलने पहुंचे। उस दौरान वह मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता पर भड़क गए।

जैसे ही मोदी ने महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, जिन्हें अमित शाह का करीबी माना जाता है, को कहा कि कैलाश जी मैं बहुत दुखी हूं। मैं यह नहीं भूल पा रहा हूं कि आपने अपने बेटे के टिकट के लिए काफी लॉबिंग की। उसके बाद बैठक में सन्नाटा छा गया। इस बैठक में अमित शाह, अरुण जेतली, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, जे.पी. नड्डा, शिवराज चौहान व गोपाल भार्गव जैसे कई नेता मौजूद थे। हालांकि यह मामला पुराना है जब कैलाश ने स्वयं विधायक का पद छोड़ कर अपने बेटे को टिकट देने की पैरवी की थी। इसके बाद उनके बेटे को टिकट मिली और वह जीत भी गए। इसमें हैरानी वाली बात यह है कि पी.एम. ने 4 महीने पुराना मुद्दा क्यों उछाला। 

इसके पीछे शायद पी.एम. ने शिवराज को संदेश देने का प्रयास किया था जो विदिशा से अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। इसी तरह गोपाल भार्गव अपने बेटे के लिए व बाबू लाल गौर अपने किसी रिश्तेदार के लिए टिकट चाह रहे हैं।हालातों को भांपते हुए चुनाव कमेटी ने एम.पी. की 14 सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन स्थगित कर दिया। पार्टी ने केवल 15 सीटों पर ही टिकटों का ऐलान किया। अब यह फैसला पार्टी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है कि वह बाद में इस संबंध में कोई फैसला लें।

वास्तव में कैलाश सुमित्रा महाजन की जगह स्वयं के लिए इंदौर से टिकट चाह रहे हैं। कैलाश को बैठक में सबके सामने एक बार झिड़कने के बाद पी.एम. ने यह मामला रफा-दफा कर दिया। इसके साथ ही उन नेताओं की आशाओं पर भी पानी फिर गया जो अपने बेटों या रिश्तेदारों के लिए टिकट चाह रहे थे। मोदी-शाह की टीम ने नियम बनाया है कि किसी भी नेता के  रिश्तेदार को टिकट नहीं दिया जाएगा। हालांकि पार्टी ने मधुबनी से सांसद हुकम देव नारायण के बेटे अशोक यादव, बारामती से भाजपा विधायक की पत्नी कंचन कौल को टिकट दिया है। 

Pardeep

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