ऑफ द रिकॉर्ड: जब अमित शाह ने भाजपा सांसदों को किया हैरान
Friday, Aug 02, 2019 - 05:58 AM (IST)
नेशनल डेस्क: मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा संसदीय दल के सदस्यों को यह कह कर हैरान कर दिया कि संसद सत्र 2-3 दिन और आगे बढ़ाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद सत्र को पहले ही 26 जुलाई से 7 अगस्त तक बढ़ाए जाने से थक चुके हैं और वे चाह रहे थे कि हाईकमान उनकी स्थिति पर रहम करे। वे लोग जनवरी से ही काफी कठिन समय से गुजर रहे हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले संसद का अंतरिम बजट सत्र जनवरी-फरवरी में आयोजित किया गया। उसके बाद लोकसभा चुनावों की घोषणा हो गई। यह कठिन समय मई के अंत तक जारी रहा, जब परिणाम घोषित हुए और मंत्रिमंडल का गठन किया गया।
2 सप्ताह के भीतर लम्बा संसद सत्र शुरू हो गया और यह 26 जुलाई को समाप्त होना था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र को आगे बढ़ाने का फैसला लिया क्योंकि 10 विधेयक पास किए जाने थे जिनके लिए राष्ट्रपति ने ऑर्डीनैंस जारी कर रखा था। इनमें तीन तलाक विधेयक भी शामिल था लेकिन जब मंगलवार को तीन तलाक सहित अंतिम ऑर्डीनैंस भी राज्यसभा में पास हो गया तो यह उम्मीद की जा रही थी कि अब संसद के पास कोई कार्य नहीं बचा है और सत्र शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा लेकिन राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर विपक्ष को 84 के मुकाबले 99 मतों से करारी मात देने के बाद अमित शाह के दिमाग में कुछ और भी चल रहा था।
अमित शाह चाहते हैं कि विपक्ष के अधिक से अधिक राज्यसभा सदस्यों को घटा कर विपक्ष की और कमर तोड़ी जाए। संसद सत्र जारी रहने से भाजपा को क्षेत्रीय और छोटी पार्टियों को तोडऩे का अवसर मिलेगा। इसी कारण सत्र को 7 अगस्त तक बढ़ा दिया गया। अब अमित शाह ने सत्र को और आगे बढ़ाने की चेतावनी दी है क्योंकि पार्टी के कई सांसद नियमित तौर पर लोकसभा और राज्यसभा में नहीं आ रहे हैं। पार्टी की ओर से उन्हें सुबह 11 से सायं 7 बजे तक सदन में उपस्थित रहने को कहा गया है लेकिन इसके बाद भी वे संसद से गैर-हाजिर रह रहे हैं।
सांसदों को यह शिकायत है कि उन्हें एक ब्रेक चाहिए क्योंकि उन्हें अपने परिवार और अपने क्षेत्र को भी समय देना है लेकिन उनकी कोई पेश नहीं चल रही और उन्हें रुकना पड़ रहा है। यह अलग बात है कि सत्र आखिरकार 7 अगस्त को समाप्त हो सकता है लेकिन अमित शाह की रणनीति और कार्यशैली से विरोधी दलों के साथ-साथ भाजपा सांसदों की भी नींद हराम हो गई है।