ऑफ द रिकॉर्डः विनोद तावड़े का बढ़ता ग्राफ

Sunday, Sep 25, 2022 - 05:22 AM (IST)

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद तावड़े कभी 2014 में मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार थे लेकिन वह चूक गए और देवेंद्र फडऩवीस को भाजपा-शिवसेना सरकार की कमान सौंप दी गई। तावड़े को गठबंधन सरकार में मंत्री के रूप में संतुष्ट रहना पड़ा। सबसे बुरी स्थिति 2019 में आई जब उन्हें अंतिम समय में पार्टी का टिकट देने से इन्कार कर दिया गया और वह मन मारकर रह गए लेकिन उन्होंने कभी अपना धैर्य नहीं खोया और विनम्रता से काम करते रहे। 

आलाकमान को उन्हें दिल्ली लाने और भाजपा का सचिव बनाने में एक साल लग गया। एक और साल बीत गया और नवम्बर 2021 में उन्हें महासचिव के रूप में पदोन्नत किया गया। यह एक बड़ी पदोन्नति थी जिससे कई लोगों की भौंहें चढ़ गईं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए समर्थन हासिल करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने तावड़े को मुख्य समन्वयक की भूमिका सौंपी। उन्होंने 5 अन्य मुख्य समन्वयकों के साथ मुर्मू के समर्थन के लिए व्यापक यात्रा की। 

उन्होंने हरियाणा के प्रभारी के रूप में अपनी पहचान बनाई और फिर उन्हें सबसे महत्वपूर्ण राज्य बिहार से पुरस्कृत किया गया। प्रकाश जावड़ेकर को केरल की कमान सौंपी गई तो पंकजा मुंडे को मध्य प्रदेश का सह-प्रभारी बनाया गया। ये कदम बी.एम.सी. चुनाव जीतने के उद्देश्य से भाजपा की बड़ी योजनाओं का हिस्सा हैं। 

तावड़े के उदय से संभव है कि राज्य की राजनीति में उनकी वापसी न हो। देवेंद्र फडऩवीस महाराष्ट्र में पार्टी का चेहरा बने रहेंगे और एक धुरी की भूमिका निभाएंगे। पार्टी आलाकमान भी 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना (शिंदे)-मनसे के संख्या बल को 44 सीटों तक सुधारना चाहता है। भाजपा-शिवसेना (उद्धव) ने 2019 में 42 लोकसभा सीटें हासिल की थीं।-

Pardeep

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